एक बार राजा बीरबल से मिलने 2 लोग आयें परंतु उनके कर्मचारी कहते है की बीरबल अभी विश्राम कर रहे हैं वे बाद में आए.
तभी उनमें से एक आदमी कहता हैं की मुझे उनसे अभी मिलना होगा. मैं इंसाफ चाहता हूं. मेरा नाम गंगू है मैं राजा बीरबल से अभी मिलना चाहता हूं.
बीरबल के कर्मचारी ने कहा अभी यही ठहरो है मैं उनसे पूछ कर आता हूं.
कर्मचारी ने बीरबल से कहा बाहर दो आदमी आप से मिलने के लिए आएं हैं वे आपसे इंसाफ चाहते हैं.
बीरबल ने कहा – उन्हें अंदर ले जाओ.
बीरबल उनके बात सुन नहीं रहे थे इसी बीच शहंशाह अकबर उनके घर पर आते हैं
शहंशाह को अपने घर पर देखकर बीरबल चौक जाते हैं और कहते हैं हुजुर अगर कोई जरुरी काम था तो मुझे बुला लिया होता आपने क्यों तकलीफ की.
शहंशाह ने कहा मैं बगीचे में टहल रहा था तो मैंने सोचा क्यों ना तुमसे मिलता हुआ चलूँ.
बीरबल ने शहंशाह को बताया ये दो लोग मुझसे मिलने आयें है और ये इंसाफ चाहते हैं लेकिन मैं इन्हें बाद में आने के लिए कहूंगा.
शहंशाह ने कहा नहीं नहीं. मैं तो खुद आपको इंसाफ करते हुए देखना चाहता हूं.
यह सुनकर बीरबल ने उन दोनों आदमी से कहा कहिए आप की क्या समस्या है.
उन दोनों में से एक आदमी गंगू तेली ने बताया कि वह तेल बेचने का कार्य करता है. आज मेरा कारोबार अच्छा हुआ और इस लच्छुराम कसाई की दुकान से गुजर रहा था. इसने मुझे बुलाया और तेल लेने के लिए कहा. मैंने उसे तेल दे दिया और उसने मुझे एक चंडी का सिक्का अदा किया. मैंने उसे खुले पैसे देने के लिए जैसे यह अपनी धन की पोटली बाहर निकाली तो उसने वह देख ली. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत थक गए होंगे. यहां थोड़ी देर रुक कर चाय पी लो और आराम कर फिर चले जाना.
मैं अपना सामान उसके पास छोड़ कर आगे बढ़ गया परंतु वह धन की पोटली लेने के लिए जैसे वापस लौटा तो मैंने देखा कि यह कसाई मेरे धन को लेने का प्रयास कर रहा था. मैंने जैसे ही इससे अपने धन की पोटली लेनी चाही तो उसने कहा यह धन की पोटली मेरी है. मेरे बहुत कहने पर भी वह नहीं माना.
लच्छुराम कसाई ने कहा जनाब यह आदमी झूठा और मक्कार है. यह खुद मेरे पास आया और तेल लेने के लिए मुझ से विनती करने लगा. मेरे बहुत बार मना करने के बाद भी जब यह नहीं माना तो मैंने उससे थोड़ा सा तेल ले लिया. तेल लेने के बाद इसे दो अशर्फियां दी. उसी समय इसने मेरे धन की पोटली देख ली और मुझसे थोड़ा सा पानी लाने के लिए कहा. मैं जैसे ही पानी लेकर वापस लौट रहा था तो मैंने देखा कि यह आदमी मेरा धन लेने की कोशिश कर रहा था. जब मैंने इससे धन की पोटली वापस मांगी तो यह कहने लगा कि है यह मेरा धन है.
दोनों की बात सुनने के बाद शहंशाह ने कहा – बीरबल तुम यह समस्या कैसे सुलझाओगे? दोनों एक दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हैं. यहां पर तो कोई गवाह भी नहीं है. अब तुम इस का इंसाफ कैसे करोगे??
बीरबल ने कहा मुझे इस समस्या का हल पता है और माफ कीजिएगा एक गवाह भी है. वह हैं पैसे की पोटली.
बीरबल ने एक बर्तन में पानी मंगवाया और कहा कि इस पोटली का धन इस पानी में डाल दो.
बीरबल ने कहा – यह तेली सही बोल रहा था. यह पैसों की पोटली इसी की है.
शहंशाह ने कहा – बीरबल तुम यह कैसे कह सकते हैं.
बीरबल ने कहा – हुजूर मुझे पूरा यकीन है. मैं यह साबित कर सकता हूं. इस पानी के ऊपर देखिए. इस पर एक तेल की परत है और यह तेली के हाथों से ही आ सकती है. जब वह पैसे निकालता और डालता तब यह तेल उसके हाथों से इन सिक्कों पर लग गया होगा. सिक्कों पर तेल लगने का और कोई कारण नहीं हो ही नहीं सकता.
बादशाह ने कहा बीरबल तुमने तो कमाल कर दिया. तुमसे ज्यादा होशियार देश में और कोई नहीं है
वह कसाई शहंशाह के आगे गिड़गिड़ाने लगा और कहने लगा मुझे माफ कर दीजिए.
शहंशाह ने कहा तुम्हें माफ नहीं किया जा सकता. तुम्हें इस आदमी को वह पूरी रकम चुकानी होगी जो तुमने चोरी करने की कोशिश की और इस गुनाह के लिए तुम्हें एक महीने की कैद सुनाई जाती है.
गंगू तेली ने बीरबल और शहंशाह का शुक्रिया अदा किया और वहां से चला गया.