धीरज सारे आनंदों और शक्तियों का मूल है | – फ्रैंकलिन


धैर्य कडुवा होता है, पर उसका फल मीठा होता है | – रूसो


असफलता नहीं, अपितु निकृष्ट ध्येय ही अपराध है | – जे. आर. लावेल


महान ध्येय का मौन में ही सृजन होता है | – साने गुरूजी


 

नम्रता सारे सद्गुणों का दृढ़ स्तम्भ है | – कन्फ्युशन

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अपनी नम्रता का गर्व करने से अधिक निंदनीय और कुछ नहीं है | – मारकस औरेलियस


नारी शांति की प्रतिमा है, उसे उच्च पद से नीचे गिराना केवल जंगलीपन है | – रफोडियस


विश्व में कोई वस्तु इतनी मनोहर नहीं, जितनी कि सुशील और सुंदर नारी | – हंट


किसी पर भी हद से ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करना मूर्खता है.


हर दिन आपका महत्व पहले से कम या ज्यादा होता जा रहा है. अगर आप खुद को बेहतर बना रहे हैं, तो आपका महत्व बढ़ेगा लकिन अगर आप खुद को बेहतर नहीं बना रहे हैं, तो आपका महत्व कम होता जाएगा आप बेहतर ज्यादा महत्व, आप बेहतर नहीं कम महत्व