“बर्बाद करना था तो किसी और तरीके से करते ! जिंदगी बनकर जिंदगी से जिंदगी ही छीन ली तुमने |”


तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया, मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही..


“बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे, बारिश में जिस्म भीगता हैं, और महोबत मैं आँखे |”


“सिमटते जा रहें हैं दिल और जज्बात के रिश्ते सौदा करने में जो माहिर है, बस वही धनवान है


वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना… ?


“नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं साहेब, हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर !”

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“मुझे किसी के बदल जाने का गम नही, बस कोई था, जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था ।”



“आज़ाद कर दिया हे हमने भी उस पंछी को जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था ।”


“कल रात चाँद बिकुल उनके जैसा था वही नूर वही गरूर वही सरूर, वही उनकी तरह हमसे कोसो दूर |”


सामने होते हुए भी तुझसे दूर रहना.. बेबसी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी…


मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ…वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी…


“फासलों का एहसास तो तब हुआ, जब मैनें कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान भी लिया !”


बदनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को , ए दुनिया वालो…मेहबूब तुम्हारा बेवफा है ,तो इश्क़ का क्या कसूर..!! 🙁