Bull’s Milk Story | बैल का दूध | अकबर बीरबल की कहानी

Bull's Milk Story

एक बार शहंशाह अपने दरबार में बैठे हुए थे और यह कह रहे थे कि इस बात को मानना होगा कि हमारे दरबार में बीरबल से ज्यादा चालाक और होशियार मंत्री नहीं हैं. इतना ही नहीं हम तो यह मानते हैं कि बीरबल हम सब में सबसे ज्यादा होशियार है.

शहंशाह की यह बात सुनकर कुछ दरबारी अपनी भोहे चढ़ाने लगे क्योंकि वे यह बात हजम ही नहीं कर सकते थे कि बीरबल उनसे ज्यादा होशियार है.

एक दरबारी सुखदेव सिंह से शहंशाह अकबर ने पूछा – क्या हम गलत बोल रहे हैं? जब हमने कहा कि बीरबल हम सब में से सबसे ज्यादा चालाक और होशियार है तब हमने देखा कि आप कुछ नहीं बोले. कहिए क्या आप हम से सहमत नहीं है?

सुखदेव सिंह ने कहा हुजूर बेशक वे हो सकते हैं लेकिन मैं अभी तक यह नहीं जानता तो मैं कुछ नहीं कहूंगा.

शहंशाह ने कहा की इसका क्या मतलब है? क्या आप नहीं जानते? क्या आपने उनके कारनामो के किस्से नहीं सुने? क्या यह सब काफी नहीं है आपके लिए?

शहंशाह की यह बात सुनकर सुखदेवसिंह एकदम चुप हो गए.

शहंशाह ने कहा चलिए कोई बात नहीं. हमने बीरबल की चतुराई और होशियारी का कई बार इंतिहान लिया है और वह हमेशा कामयाब होकर निकले हैं. आप उनके सामने कोई भी रख सकते हैं और हमें पूरा यकीन है कि वे जरूर कामयाब होंगे. तो सुखदेव सिंह जी बीरबल के लिए कोई चुनौती सोची है आपने??

सुखदेव सिंह ने कहा कि अगर बीरबल इतने ही होशियार है तो उनके लिए मेरे मन में एक चुनौती है. अगर बीरबल हमारे लिए बैल का दूध ला सके तो मैं यह मान जाऊंगा कि वे हम सबमें सबसे ज्यादा चतुर और होशियार है

शहंशाह ने बड़े आश्चर्य से कहा- बैल का दूध? यह कैसे संभव है.

सुखदेव सिंह ने कहा- अगर बीरबल इतने चालाक हैं तो यह उनके लिए यह कठिन नहीं होगा और बैल का दूध लाना कोई बड़ी चुनौती नहीं है.

शहंशाह ने कहा हम खुद भी बीरबल को यह गुत्थी सुलझाते हुए देखना चाहते हैं. क्या ख्याल है बीरबल?

बीरबल ने कहा अगर आप यही चाहते हैं तो मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं.

शहंशाह ने पूछा – बीरबल आपको कितना वक्त चाहिए इसके लिए?

बीरबल ने कहा – बस एक दिन… मैं कल तक इसे सुलझा दूंगा.

शहंशाह ने कहा- सिर्फ एक दिन!!! आपको पूरा विश्वास है कि आप इसे 1 दिन में सुलझा लेंगे?? ठीक है बीरबल. कल दरबार में हमें आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा.

उसी रात को जब शहंशाह सो रहे थे तब कुछ अजीब सी आवाज आने लगी.. आवाज सुनकर शहंशाह की नींद खुल गई और उन्होंने अपने सैनिक को बुलाया और कहा कि इस आवाज को बंद करवाओ.

कुछ देर सोने के बाद वही आवाज वापस आने लगी. शहंशाह ने वापस अपने सैनिक को बुलाया और कहा कि कौन है यह जो इतनी रात को आवाज कर रहा है. उसे मेरे सामने पेश किया जाए.

सैनिक एक छोटी लड़की को पकड़कर शहंशाह के सामने लेकर आए. शहंशाह ने छोटी लड़की से पूछा कि तुम क्यों हमारी नींद खराब कर रही हो? क्या तुम्हें आवाज बंद करने को नहीं कहा गया था? तुम इस वक्त घर जाकर सोती क्यों नहीं? तुम्हारे पास इस समय घर से बाहर होने का और हमारी नींद खराब करने की एक सही वजह होनी चाहिए.

छोटी लड़की ने कहा – हुजूर मैं आपकी नींद खराब करने के लिए माफी चाहती हूं. मुझे कुछ कपड़े धोने थे आज रात.

शहंशाह ने कहा इतनी रात को कपड़े धोने की क्या जरुरत थी?

लड़की ने बताया कि मेरी मां अपने मैके गई हुई है और मेरे पिता ने एक बच्चे को जन्म दिया है इसलिए मुझे सारे कपड़े अभी धोने थे.

शहंशाह ने कहा अगर तुम्हारी मां मैके गई है तो बच्चे को जन्म किसने दिया?

छोटी लड़की नहीं कहा- मेरे पिताजी ने…

शहंशाह ने लड़की से कहा- क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है? भला एक आदमी बच्चे को जन्म कैसे दे सकता है?

लड़की ने कहा हुजूर आपके राज्य में तो कुछ भी हो सकता है. क्या आपने सुना नहीं की बैल भी दूध देने लगे हैं तो मेरे पिता बच्चे को जन्म क्यों नहीं दे सकते.

शहंशाह ने कहा- मैं सारी बात समझ गया हूं. तुम अपने घर जाओ और मुझे भी सोने दो और बीरबल से कहना कि हम समझ गए हैं कि हमने गलती की है.

अगले दिन सुखदेव सिंह दरबार में थोड़ा देरी आये और आते ही शहंशाह से माफी मांगी और बताया कि कल रात मैं ठीक से सो नहीं पाया. कोई बदमाश सारी रात आवाज़ करता रहा और मुझे सोने नहीं दिया.

शहंशाह सारी बात पहले से ही जानते थे इसलिए वह सुखदेव सिंह की बात सुनकर हंस पडे.

सुखदेव सिंह ने दोबारा अपनी बात को दोहराया और शहंशाह वापस हंस पड़े.

शहंशाह ने सुखदेव सिंह से कहा की वह बैल के दूध देने की आवाज थी. याद है आपने बीरबल को चुनौती दी थी. यह कहकर शहंशाह ने सुखदेव सिंह को लड़की वाली बात बताई.

शहंशाह की बात सुनकर सुखदेव सिंह हक्के-बक्के रह गए. उन्होंने कहा की बीरबल को ऐसी असंभव चुनौती देखकर आपने गलती की. अब आपको हार मान लेनी चाहिए.

तभी बीरबल दरबार में प्रवेश करते हैं और कहते हैं देरी के लिए माफी चाहता हूं शहंशाह आज कुछ ज्यादा सो लिया.

शहंशाह बीरबल की तारीफ करने लगे और सुखदेव सिंह ने भी मान लिया कि बीरबल से ज्यादा होशियार इस राज्य में कोई नहीं है.

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