“खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती, इन्सान की बंदगी बेईमान नहीं होती. कही तो माँगा होगा हमने भी एक प्यारा सा दोस्त वर्ना यूंही हमारी आपसे पहचान न होती..””किसने इस दोस्ती को बनाया, कहा से ये दोस्ती शव्द आया, दोस्ती का सबसे ज्यादा फायदा तो हमने उठाया, क्यों की दुनिया का सबसे प्यारा दोस्त तो हमारे हिस्से में आया.””बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो, धूप आये तो सरसों पीली न हो, ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि, तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।”


एक दुआ मांगते है हम अपने भगवन से.. चाहते है आपकी खुशी पुरे ईमान से, सब हसरतें पुरी हो आपकी, और आप मुस्कराए दिल-ओ-जान से”सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती! न करेंगे किसी से वादा! पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की करना पड़ा दोस्ती का वादा!””दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है! आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!”


“दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! यूँ तो मिल जाता है हर कोई! मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!”


जिन्गदी नहीँ हमेँ दोस्तोँ से प्यारी दोस्तोँ पे है हाज़र जान हमारी आँखोँ में हमारे आँसू हो तो क्याँ जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी!”
“जब I ने U से प्यार किया हर जिन्दगी को एक किनारा चाहिए हर शक्स को ऐक सहारा चाहिए जिन्दगी कट सके हंसते-हंसते इसलिये दोस्त आप-सा ऐक प्यारा चाहिए !”


“किस हद तक जाना है ये कौन जानता है, किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है, दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो, किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है.!”

https://desibabu.in/wp-admin/options-general.php?page=ad-inserter.php#tab-2

आना हमारा किसी को गवारा ना हुआ हर मुसाफिर ज़िन्दगी का सहारा ना हुआ मिलते हैं बहुत लोग इस तनहा ज़िन्दगी में पर हर दोस्त आपसा प्यारा ना हुआ !


खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती, इन्सान की बंदगी बेईमान नहीं होती. कही तो माँगा होगा हमने भी एक प्यारा सा दोस्त वर्ना यूंही हमारी आपसे पहचान न होती.


जिन्गदी नहीँ हमेँ दोस्तोँ से प्यारी दोस्तोँ पे है हाज़र जान हमारी आँखोँ में हमारे आँसू हो तो क्याँ जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! यूँ तो मिल जाता है हर कोई! मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!


दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है! आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती! न करेंगे किसी से वादा! पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की करना पड़ा दोस्ती का वादा!
एक दुआ मांगते है हम अपने भगवन से.. चाहते है आपकी खुशी पुरे ईमान से, सब हसरतें पुरी हो आपकी, और आप मुस्कराए दिल-ओ-जान से.