खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की … आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है.
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है!
आप क्यों बार-बार देखती हो आईने को… नजर लगाओगी क्या मेरी इकलोती मोहब्बत को
तू मुझमे कहाँ रहती हैं मैं नहीं जानता, मैं खुद में जहाँ भी जाता हूँ तू ही तू मिलती हैं…
कुछ इस तरह से तुम तेरे नज़दीक आ चुके; खुद को तेरे वजूद का हिस्सा बना चुके अब तो हमारे दर्द की कोई दुआ करो; हम तो तुम्हें अपना मसीहा बना चुके।
बोलो ना? तेरे बिना जी नहीँ सकते हम… इसी बात का फायदा उठाते हो ना.
मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए.
अगर कोई आप से सच्चा प्यार करता हैं तो वो आप को किसी भी हाल में छोड़ ता नहीं
कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते, पर अमीर जरूर बना देते हैं.
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त उसकी बस एक बार वो कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी।
आप भी मेरी तराह करदो इकरार इ मोहब्बत – प्यार कर ते हो तो चोपा ते क्यों हो?
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना, हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है!