आप जो कुछ भी देखते हैं उसका संग्रह हूँ मैं। -साईं बाबा


कामयाबी और नाकामयाबी दोनों ज़िन्दगी के हिस्से है, दोनों ही स्थायी नहीं हैं। -शाहरुख़ ख़ान


प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है। ये आप ही के कर्मों से आती है। -Dalai Lama


कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये। -Abdul Kalam


मानव विकास के दो चरण हैं – कुछ होने से कुछ ना होना; और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है। -Sri Sri Ravi Shankar


पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे। -Mahatma Gandhi

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मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये। -बी. आर. अम्बेडकर


प्रसन्नता और नैतिक कर्तव्य एक दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं। -जार्ज वाशिंगटन


इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है। यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए। -Albert Einstein


वहां प्रेम नहीं है जहां इच्छा नहीं है। -इंदिरा गाँधी


भगवान का कोई धर्म नहीं है। -Mahatma Gandhi


दुनिया की सबसे खूबसूरत चीजें ना ही देखी जा सकती हैं और ना ही छुई, उन्हें बस दिल से महसूस किया जा सकता है। -Helen Keller


बड़ा सोचो, जल्दी सोअचो, आगे सोचो। विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है। -Dheerubhai Ambani


जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है। -Srimadbhagwadgita