दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ …
सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है।



उन्हे हम याद आते है मगर फुर्सत के लम्हों में,
मगर ये बात भी सच है की उन्हे फुर्सत नहीं मिलती..



कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते हुए…


कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है … आज़माइशों के बाद!!


यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है ….
मगर झूठी हँसी हसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है।


बडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरी,
देख कर जाने क्यों लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थे…

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कभी कभी कितनी बातें होती हैं कहने को …
जब कोई सुनने वाला नहीं होता है ।


खुश तो वो रहते हैं जो ” जिस्मों ” से मोहब्बत करते है, क्यूंकि,
” रूह ” से मोहब्बत करने वालों को अक्सर ” तड़पते ” ही देखा है…


मोहब्बत छोड कर हर एक जुर्म कर लेना,
वरना तुम भी हमारी तरह मुसाफिर बन जाओगे तनहा रातो के…..!


दिल‬ के अरमान को दिल मे सुला ना देना,अपनी खूबसूरत आँखो‬ को
रुला ना देना, कल‬ किसने देखा है आख़िर, ‎हम‬ ना रहे तो हमे भुला ना ‪देना‬ !!



अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का…..
जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी….


ज़्यादा कुछ नहीं बदला ” उसके और मेरे ” बीच में पहले
नफरत नहीं थी और अब ” प्यार ” नहीं है।