यह कहानी है सिलवेस्टर स्टैलोन के संघर्ष और सफलता की कहानी जो हॉलीवुड मूवी देखते हैं वह तो इन्हें जानते ही है और जो हॉलीवुड मूवी नहीं देखते वह भी इन्हें चेहरे से जरूर पहचानते होंगे। रॉकी और रैंबो जैसी सुपरहिट एक्शन फिल्म देने वाला स्टार कभी इतने बुरे दौर से गुजर रहा था। आज इस बात पर यकीन करना बहुत मुश्किल है। सिलवेस्टर स्टैलोन को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और उन्होंने अपने जहन में यह बात अच्छे से बैठा ली थी कि उन्हें एक एक्टर ही बनना है। एक्टर बनने का जुनून इतना था कि उन्होंने बीच में ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई छोड़ दी और न्यूयॉर्क चले गए। वहां पहुंच कर उन्होंने लगभग हर जगह पर ऑडिशन दिए। पर कहीं भी सफलता नहीं मिली। इस बीच उन्होंने कई स्क्रिप्ट भी लिखी और वह भी सेलेक्ट नहीं हुई। बहुत कोशिश करने के बाद 1974 में the lords of flatbush इस फिल्म में उन्हें एक छोटा सा रोल मिला पर उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ।
स्टैलोन एक के बाद एक ऑडिशन देते रहे पर बार-बार उन्हें रिजेक्ट होना पड़ा। हालत ऐसी हो गई थी उनके पास अपने परिवार को खिलाने पिलाने तक के पैसे नहीं बचे थे। यहां तक कि उन्हें अपने पत्नी के जेवर भी बेचने पड़े। ऐसी सिचुएशन में कोई भी आम इंसान किसी भी काम को करने के लिए तैयार हो जाता है और सिलवेस्टर ने ठान रखी थी की उन्हें हॉलीवुड में ही जगह बनानी है वह भी एक एक्टर के रुप में। दिन बहुत बड़ी कठिनाई से गुजर रहे थे। ऐसे ही किसी दिन सिलवेस्टर tv पर बॉक्सिंग का एक मैच देख रहे थे जिसमें वह Wepner और मोहम्मद अली की फाइट चल रही थी। उस वक्त मोहम्मद अली अपने चरम पर पर थे। Wepner की हार लगभग निश्चित थी बावजूद उसके Wepner बार बार घुसा खाते पर फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते।
इस मैच ने Sylvester Stallone को बहुत इंस्पायर किया। उन्होंने इसी के आधार पर एक कहानी लिखने की सोची और वह लगातार 20 घंटे तक लिखते रहे। 20 घंटे की मेहनत के बाद Sylvester Stallone ने रॉकी हिस्ट्री की स्क्रिप्ट तैयार कर ली। स्क्रिप्ट लिख कर भी बहुत एक्साइटेड थे। उन्हें पक्का यकीन था हर कोई इस स्क्रिप्ट को पसंद कर लेगा। स्क्रिप्ट लिखने के बाद उनके हाथ कांप रहे थे क्योंकि उन्हें पूरा यकीन था। अगर यह फिल्म बनी तो सुपरहिट होगी। यह स्क्रिप्ट लिख कर वे त से प्रोडूसर के पास गए पर महीनों तक ट्राई करने के बावजूद कोई भी इस पर काम करने को तैयार नहीं था।
स्टैलोन अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे। अब उनके पास बिलकुल भी पैसे नहीं बचे थे। उनके पास अपने प्यारे कुत्ते को खिलाने के तक के पैसे नहीं थे और एक दिन मजबूर होकर शराब की दुकान के सामने खड़े होकर लोगों से अपना कुत्ता खरीदने के लिए बोले। बहुत कोशिशों के बाद एक आदमी ने $25 में उनका कुत्ता खरीद लिया। स्टैलोन की लाइफ का सबसे बुरा दिन था। वह रोते हुए घर गए थे। उन्हें वह करना पड़ा था जिसके बारे में वह सपने में भी नहीं सोच सकते थे। इस दौरान वह रॉकी की स्क्रिप्ट लेकर घूमते रहे। आखिर में एक प्रोडक्शन को कहानी पसंद आ गई। उन्होंने स्टैलोन को स्क्रिप्ट के लिए एक लाख डॉलर का ऑफर दिया। अपने खराब स्थिति में भी स्टैलोन मैं शर्त रखी कि वह स्क्रिप्ट तभी देंगे जब फिल्म में रॉकी का रोल उन्हें खुद को करने दिया जाए। पर प्रोडक्शन इस बात के लिए तैयार नहीं हुआ और उसने यह कह कर मना कर दिया कि वह अजीब दिखता है।
तब स्टैलोन ने स्क्रिप्ट देने से इंकार कर दिया। इस बात को 2 हफ्ते बीत गए एक बार फिर प्रोडूसर ने उसे कांटेक्ट किया और स्क्रिप्ट के लिए बड़ा ऑफर दिया पर स्टैलोन तैयार नहीं हुए और प्रोडूसर अपना ऑफर बढ़ाता गया, स्टैलोन मना करते रहे। प्रोडूसर ने 400000 डॉलर तक का ऑफर दिया पर स्टैलोन इस बात पर अड़े रहे की रॉकी का रोल सिर्फ वही करेंगे। आखिर में प्रोडक्शन ने हार मान ली और स्टैलोन को रॉकी का रोल देने के लिए तैयार हो गए लेकिन 400000 डॉलर में नहीं सिर्फ $25000 में लेकिन स्टैलोन इससे खुश थे।
पैसा मिलता ही स्टेशन सबसे पहले उस शराब की दुकान पर गया और 3 दिन तक इंतजार करने के बाद वह आदमी उन्हें वापस मिला। स्टैलोन ने उस कुत्ते के लिए 25 की जगह 150 डॉलर ऑफर किए पर उस आदमी ने स्टैलोन की मजबूरी का फायदा उठाते हुए स्टैलोन से $15000 और रॉकी मूवी में एक छोटा सा रोल मांगा। तब स्टैलोन मान गए रॉकी मूवी में उस आदमी और कुत्ते को आप देख सकते हैं। रोटी मूवी बनी, रिलीज हुई और हम सब जानते हैं कि वह कितनी बड़ी हिट साबित हुई। उसे 1976 में बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड मिला और इसके बाद सिलवेस्टर स्टैलोन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रॉकी और रेमो सीरीज के साथ साथ उन्होंने कई सुपर हिट फिल्में दी। आज अपनी मेहनत लगन और कभी भी हार ना मानने वाले अपने जज्बे के दम पर पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।
केवल स्टैलोन ही नहीं आप किसी भी सुपर स्टार को करीब से देखेंगे तो यही पाएंगे कि उन्होंने जो सफलता हासिल की है उसके पीछे बड़ा संघर्ष है। कभी ना हार मानने का जज्बा है। कुछ भी हो जाए एक बात का ध्यान रखिए कभी भी अपने सपनों की उम्मीदों को मरने मत दीजिए।
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