A Trees Testimony पेड़ की गवाही - Akbar Birbal Hindi Stories

एक बार बादशाह अकबर और बीरबल एक बाग में टहल रहे थे. तभी बादशाह ने आसपास बहुत सारे कौवे देखें और कहा कि इन दिनों को कव्वो की संख्या कितनी बढ़ गई है. पूरे शहर में कितने हो कव्वे होंगे यह जान पाना तो लगभग नामुमकिन है

बीरबल ने कहा हुजूर कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

बादशाह ने कहा हे बीरबल अगर आपकी बात मान भी ली जाए तो क्या आप यह बता सकते हैं कि इस शहर में कितने कव्वे है??

बीरबल ने कहा जी हुजूर. आप मुझे कुछ दिन की मोहलत दीजिए मैं आपको आपको इस बात का जवाब जरुर दूंगा.

बादशाह ने कहा ठीक है बीरबल हमें आपके जवाब का बेसब्री से इंतजार रहेगा

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अगले दिन एक व्यक्ति बीरबल के महल में आया और उसने बीरबल से कहा कि हुजूर मैं आपको परेशान करने के लिए माफी चाहता हूं.

बीरबल ने कहा कोई बात नहीं कहिए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं???

उस व्यक्ति ने बताया कि मेरा नाम नेकीराम है और मैं एक गरीब किसान हूं. मैं आपकी सहायता के बगैर बर्बाद हो जाऊंगा.

बीरबल ने उसे कहा आप घबराइए मत मुझे अपनी समस्या बताइए.

उस व्यक्ति ने बताया कि मैं हर साल अपने बुढ़ापे में काम आने के लिए थोड़ा थोड़ा पैसा एक मिट्टी के घड़े में जमा करके अपने घर के पास एक पेड़ के नीचे छुपा देता हूं. लगभग 3 महीने पहले मैंने अपनी गैरहाजिरी में अपनी जमा पूंजी अपने मित्र किशोरीलाल के यहां रखने का फैसला किया. किशोरीलाल है तो धनवान लेकिन मेरा बहुत पुराना मित्र है यह सोच कर मैं उसके घर पहुंचा और उससे अपनी सारी जमा-पूंजी रखने के लिए दे दी और कहा कि जब मैं तीरथ से वापस लौटूंगा तो तुमसे यह ले लूंगा.

किशोरीलाल ने कहां मित्र तुम आराम से जाओ जब तुम वापस आओगे तब मुझसे तुम्हारा धन वापस ले लेना.

नेकी राम ने आगे बताया कि जब मैं तीरथ से वापस लौटा और किशोरीलाल के पास अपना धन वापस लेने के लिए गया है तो उसने धन उसके पास होने से मना कर दिया.

बीरबल ने नेकीराम से पूछा कि जब आप किशोरीलाल को पैसे दे रहे थे तब वहां कोई मौजूद था? आपने किशोरीलाल के पैसे दिए इसका कोई गवाह है आपके पास?

नेकी राम ने कहा जी नहीं हुजूर. फिर बीरबल ने कहा अगर सच में किशोरीलाल ने आपका धन लिया है तो आपको वह वापस मिल जाएगा. कल आप और किशोरीलाल दोनों शहंशाह के दरबार ने पेश हो जाइये.

अगले दिन बीरबल ने बादशाह अकबर को बताया कि एक आदमी आपसे इंसाफ चाहता है. वह कल एक शिकायत लेकर मेरे घर पर आया था. अगर आपकी इजाजत हो तो मैं उसे आप के दरबार में पेश करू…

बादशाह ने कहा – इजाजत है.

नेकीराम और किशोरीलाल दोनों को बादशाह के दरबार में बुलाया गया.

बादशाह ने उनसे पूछा कि तुम दोनों में से किसे शिकायत है?

नेकीराम ने सारी बात बादशाह को बताई की कैसे उसने अपनी सारी जमा-पूंजी किशोरीलाल को दी और अब वह उसे लौटने से इनकार कर रहा है.

बादशाह ने किशोरीलाल से पूछा क्या यह सही कह रहा है???

किशोरीलाल ने कहा यह झूठ है हुजूर. मैंने इसके साथ थोड़ा ढंग से बात क्या कर ली यह तो मुझ पर धन लेने का इल्जाम ही लगाने लगा. इसका लगाया हुआ इल्जाम सरासर गलत है.

बादशाह ने बीरबल से पूछा तुम्हें क्या लगता है अब क्या करना चाहिए.

बीरबल ने कहा कि हुजूर मुझे लगता है कि नेकीराम को अपनी सच्चाई साबित करने के लिए किसी गवाह को पेश करना चाहिए.

लेकिन नेकीराम ने कहा की वहां पर उस समय कोई भी उपस्थित नहीं था.

बीरबल ने कहा कि कोई तो होगा वहां पर जहां तुमने किशोरीलाल को पैसे दिए थे. उसी जगह जाकर किसी पेड़, पौधे या पंछी से कहिए कि वह यहां आकर आप की सच्चाई की गवाही दे और अकेले वापस मत आना. लेकिन नेकीराम इसी बात की रट लगाये था की वहां पर उस समय कोई भी उपस्थित नहीं था.

बादशाह ने नेकी राम से कहा कि तुम्हारी अब एक और बात नहीं सुनी जाएगी. जाओ और जो भी तुम्हारी सच्चाई की गवाही दे सके उसे हमारे दरबार में पेश करो.

इसके बाद बादशाह ने बीरबल से पूछा कि वह कव्वो की गिनिती का क्या हुआ?? क्या तुमने हार मान ली, बीरबल???

उसके बाद बीरबल ने कहा कि मेरी गिनती के मुताबिक इस शहर में कुल मिलाकर 10591 कव्वे है.

बादशाह ने कहा क्या तुम्हें इस गिनती पर पूरा यकीन है. अगर कव्वे गिनती से कम निकले तो?

बीरबल ने जवाब दिया जी हां हुजूर आप शौक से गिन सकते हैं. मेरी गिनती से कव्वे कम या ज्यादा हुए तो वह इसलिए क्योंकि इस शहर के कुछ कव्वे पड़ोस के इलाके में गए हैं या फिर इसलिए की पड़ोस के इलाके के कुछ कव्वे इस शहर में आयें है.

बीरबल का चतुरतापूर्ण जवाब सुनकर बादशाह अकबर बहुत पसंद हो गए.

इसके बाद बीरबल ने कहा हुजूर क्या आपको नहीं लगता की नेकीराम को कुछ ज्यादा ही देर नहीं लग गयी हैं. न जाने क्या समस्या हो सकती है उसे??

किशोरीलाल ने एकदम से जवाब दिया कि शायद उसे मेरे पास के पीपल के पेड़ को दरबार में लाने में परेशानी हो रही होगी.

उसकी यह बात सुनकर बीरबल ने कहा हुजूर यह आदमी झूठा और मक्कार है. इसे सजा दीजिए. इसे कैसे पता की नेकीराम पीपल के पेड़ को दरबार में पेश करेगा. इसका मतलब इसने पेड़े लिए हैं.

बादशाह ने कहा किशोरीलाल तुम्हें शर्म आनी चाहिए तुमने एक गरीब किसान को धोखा दिया जो कि तुम्हें अपना एक दोस्त समझता था.

बादशाह ने अपने सिपाहियों का आदेश दिया की किशोरी लाल को गिरफ्तार कर ले और नेकी राम से कहा कि तुम घबराओ मत तुम्हे अपने पैसे वापस मिल जाएंगे.

बादशाह ने बीरबल से कहा की हम उसी समय समझ गए थे जब तुमने नेकीराम को किसी पेड़, पौधे या पंछी को गवाह बनाकर दरबार में पेश करने के लिए कहा था. तुमने बड़ी चतुराई से किशोरीलाल से उसका गुनाह कबूल करवा लिया.

शाबाश बीरबल शाबाश….

इस कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि कभी भी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए. धोखा देने वाले का सच एक ना एक दिन बाहर आ ही जाता है.

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