“अजय राय की जीवनी” (Biography of Ajay Rai in Hindi)

अजय राय एक भारतीय राजनीतिज्ञ है| उन्होंने अपने राजनितिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा के सदस्य के रूप में की थी| 1996 और 2007 के बीच, उन्होंने कोलासला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार विधान सभा चुनाव में जीत हासिल की है। लेकिन लोकसभा से टिकिट नही मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी| 2009 में, वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए, दुर्भाग्य से, वह लोकसभा चुनावो में जीत हासिल नही कर सके| कुछ समय पश्चात, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बन गए| 2014 में, उन्होंने मोदी के 5,81,022 के मुकाबले 75,614 वोट हासिल किए। 2019 में, कांग्रेस ने वाराणसी में मोदी के खिलाफ अजय राय को खड़ा किया है|

व्यक्तिगत जीवन:-

अजय राय का जन्म 19 अक्टूबर  1969 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था| वह गाजीपुर जिले के मूल निवासी है| उनके पिता का नाम सुरेन्द्र राय जबकि उनकी माता का नाम पार्वती देवी है| अजय राय के एक बड़े भाई थे जिनका नाम अवधेश राय था| 1994 में, अवधेश राय की  मुख्तार अंसारी और उनके लोगों द्वारा कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अजय राय ने अपनी शुरूआती पढाई वाराणसी से पूर्ण की| इसके बाद, उन्होंने महात्मा गाँधी काशी विधापीठ, वाराणसी से स्नातक किया|

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करियर:-

अजय राय ने अपने राजनितिक करियर की शुरुआत भाजपा की युवा शाखा के सदस्य के रूप में की थी। 1996 में, वह कोलसला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे। उन्होंने नौ बार 484 मतों के अंतर से सीपीआई विधायक उदल को हार का मुह दिखाया| 2002 और 2007 के चुनावों में, वह इस सीट पर बने रहे| 2009 में उन्होंने एक विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया।

2009 में, वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये| पार्टी का हिस्सा होते हुए, वह भाजपा के मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चुनाव के मैदान में उतरे, लेकिन वह चुनाव हार गये|

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस:-

2014 में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ कदम बढ़ाया और वह 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। लेकिन वह भाजपा के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से हार गए। 5 अक्टूबर 2015 को, वाराणसी में गंगा नदी में गणेश की मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एक मार्च के दौरान वाराणसी में हिंसा और आगजनी के दौरान उनकी कथित भूमिका के लिए अजय को गिरफ्तार किया गया था। 7 महीने बाद उन्हें रिहा कर दिया गया| 2019 में, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे|

वाद-विवाद:-

1989 से, वह कई आपराधिक मामलों में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के साथ जुड़े थे। वह चेतगंज पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है| 1991 में, उनका नाम वाराणसी के डिप्टी मेयर अनिल सिंह पर एक हमले में लगा था। अनिल सिंह ने कहा कि अजय राय और अन्य ने 20 अगस्त 1991 को छावनी क्षेत्र में जीप पर गोलीबारी की थी। लेकिन बाद में, अजय को इस मामले से बरी कर दिया गया| उन्हें स्थानीय बाहुबली (बलवान) के रूप में जाना जाता है| चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों पर अपने समर्थकों पर सत्ताधारी बीएसपी के उम्मीदवार के लिए काम करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। जब उन्होंने कथित उत्पीड़न का विरोध किया, तो उन्हें और उनके सात समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

 अन्य जानकारी:-

नाम अजय राइ
पेशा भारतीय राजनीतिज्ञ
आयु 49(अप्रैल 2019 के अनुसार)
ऊचाई इंच में 5’6
भार 74 किग्रा
बालो का रंग ब्लेड
आँखों का रंग काला
जन्मतिथि 19 अक्टूबर  1969
जन्मस्थान वाराणसी, उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिंदुत्व
गृहनगर गाजीपुर
स्कूल ज्ञात नही
कॉलेज महात्मा गाँधी काशी विधापीठ, वाराणसी
शैक्षणिक योग्यता स्नातक
पिता का नाम सुरेन्द्र राइ
माता का नाम पार्वती देवी
बहन का नाम अवदेश राइ
माता का नाम ज्ञात नही
वैवाहिक स्थिति वैवाहिक
पत्नी का नाम ज्ञात नही
बच्चे ज्ञात नही
शौक यात्रा
पसंदीदा अभिनेता ज्ञात नही
पसंदीदा अभिनेत्री ज्ञात नही
पसंदीदा खेल कबड्डी
पसंदीदा राजनीतिज्ञ राहुल गाँधी
नेट वर्थ ज्ञात नही

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