अमरीश पूरी एक भारतीय अभिनेता थे, वह भारतीय रंगमंच और सिनेमा में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। अपने बेहतरीन प्रदर्शन से उन्होंने खुद को बॉलीवुड में स्थापित किया था. उन्हें हिंदी सिनेमा के साथ-साथ अन्य भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योगों में प्रतिष्ठित खलनायक की भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होंने अपने फिल्मो करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ से की थी. उसके बाद, उन्होंने कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मो में अभिनय किया जेसे हलचल, जानी दुश्मन, गांधी, ज़ख्मी शेर, मेरी जंग, नगीना, मिस्टर इंडिया, त्रिदेव, सौदागर, संग्राम, मोहब्बतें, ख़ुशी, अब तुमारे हवाले वतन साथियो और अन्य.
व्यक्तिगत जीवन:-
अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1 9 32 को जालंधर, पंजाब प्रांत और ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला निहाल चंद पूरी था. उनकी मां का नाम वेद कौर था. उनके तीन भाई थे जिनका नाम चमन पूरी, मदन पूरी और हरीश पूरी था. और एक बहन थी जिसका नाम चंद्रकांता था. अमरीश पूरी ने अपनी शुरूआती पढाई पंजाब से पूर्ण की. उसके बाद, उन्होंने बी.एम. विश्वविधालय शिमला, हिमाचल प्रदेश से स्नातक किया. अगर बात करे अमरीश पूरी की लव लाइफ की तो उन्होंने उर्मिला दिवेकर से शादी की थी. उनके एक बेटा राजीव और एक बेटी नर्मता है.
करियर:-
अमरीश अपने भाई मुंबई पहुंचे तो उनके भाई मदन पुरी पहले ही एक स्थापित अभिनेता थे, जिन्हें खलनायक भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था। अमरीश अपनी पहली स्क्रीन टेस्ट में विफल रही और एलआईसी के साथ एक नौकरी खोजना पड़ा। अमरीश पुरी ने इंडियाना जोन्स और डूम का मंदिर भी किया था। इस बीच उन्होंने सत्यदेव दुबे की लिखित नाटक में पृथ्वी थिएटर पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, अंत में उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1967 से 2005 के बीच, उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और वह बॉलीवुड के सबसे सफल खलनायकों में से एक थे।
उन्होंने कई हिंदी हिंदी, कन्नड़, मराठी, हॉलीवुड, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम किया। जेसे हिंदुस्तान की कसम, भुमिका, हमरे तुमारे, सावन कोई आने दो, क़ुर्बानी, नसीब, गान्धी, अंध कानून, हीरो, कसम पेड़ा करन वाले की, मोहब्बत, फंसी के बड़, समुंदर, नसीब अपना अपना, नगीना, कौन कौन, कटुना, जयंत दयावान, दाता, नाका बंदी, आज का अर्जुन, जीने दो, फूल और कांटे, दिव्या शक्ति, करण अर्जुन, दिलजले, चाची 420, लाल बाधशाह, मोहब्बतें, जाल: द ट्रैप, वो तेरा नाम था, किसना: द वारियर पोएट और अन्य. फिल्म मिस्टर इंडिया में, उन्होंने “मोगाम्बो” का किरदार निभाया जो कि फिल्म का मुख्य विलेन है। इसी फिल्म में अमरीश जी का डायलॉग “मोगाम्बो खुश हुआ” फिल्म-जगत मे विख्यात है।
अवार्ड:-
उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्होंने महाराष्ट्र राज्य नाटक, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, फिल्मफेयर अवार्ड और स्टार स्क्रीन अवार्ड जीते.
निधन:-
2004 में, वह मायलोयड्सप्लास्टिक सिंड्रोम से पीड़ित थे, जो एक दुर्लभ प्रकार का ब्लड कैंसर था और उनकी हालत के लिए ब्रेन सर्जरी की गई थी। 12 जनवरी 2005 को सुबह लगभग 7:30 बजे उनकी मृत्यु हो गयी थी. उनका अंतिम संस्कार 13 जनवरी 2005 को शिवाजी पार्क श्मशान में किया गया।
अन्य जानकारी:-
नाम | अमरीश पूरी |
व्यवसाय | अभिनेता |
पर्दापण | हिंदी फिल्म- प्रेम पुजारी (1970)
कन्नड़ फिल्म – काडू (1973) पंजाबी फिल्म – सत श्री अकल (1977) तेलुगु फिल्म – कोंदुरा (1978) अंग्रेजी फिल्म – गाँधी (1982) |
आयु | 72 वर्ष (मृत्यु के समय) |
ऊचाई | इंच में 5’10 |
भार | 80 कि.ग्रा. |
बालो का रंग | सफ़ेद |
आँखों का रंग | भूरा |
जन्मतिथि | 22 जून 1932 |
जन्मस्थान | नवांशहर, पंजाब |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
गृहनगर | नवांशहर, पंजाब |
स्कूल | ज्ञात नही |
विश्वविधालय | बी.एम. विश्वविधालय शिमला, हिमाचल प्रदेश |
शिक्षा योग्यता | स्नातक |
पिता का नाम | लाला निहाल चंद पूरी |
माता का नाम | वेद कौर |
बहन का नाम | चंद्रकांता |
भाई का नाम | चमन पूरी, मदन पूरी, हरीश पूरी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | उर्मिला दिवेकर |
बच्चे | बेटा- राजीव
बेटी- नर्मता |
शौक | टोपी का एक संग्रह बनाना, शास्त्रीय संगीत सुनना |
पसंदीदा अभिनेता | किशोर कुमार |
पसंदीदा अभिनेत्री | ज्ञात नही |
पसंदीदा व्यंजन | ज्ञात नही |
पसंदीदा गंतव्य | ज्ञात नही |
पसंदीदा कलर | काला |
मृत्यु तिथि | 12 जनवरी 2005 |
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