God is Great- भगवान ही सबसे बड़ा हैं- Hindi Story

 

 

उदयपुर के राजा थे बलवंत सिंह वो बहुत दयालू और क्रपालु थे

वो हर सुबह स्वमं अपने राज्य के बिखरियो को खाने ने लिए दान दिया करते थे

दो भिखारी रामु और श्यामू हर रोज उनके दरवाजे पर भीख लेने आया करते थे. राजा बलवंत सिंह भी उनको उनके नाम से पहचानने लगे थे रामु बूढा था जबकि श्यामू नोजवान था

राजा ने कहा आज मेरी राजकुमारी का जन्मदिन है  और मैं आज बहुत खुश हूँ. तुम लोगो को हर रोज से ज्यादा अनाज मिलेगा, तब श्यामू ने कहा लंबी उम्र हो राजकुमारी की और रामु ने कहा हम लोग राजकुमारी की लंबी उम्र की प्रार्थना करगे, राजा ने कहा आओ रामु तुम अपने हिस्से का दान स्वीकार करो, रामु बोला धयंवाद राजन. भगवान सबसे बड़ा दाता है |

रामु की बात सुनते हे राजा को गुस्सा आ गया है और रामु से कहते है रामु तुम मेरे दरवाजे पर पिछले छह महीने से भीख मांगने आ रहे हो और भीख मांगने के लिए हमेशा भगवान का शुक्रियादा करते हो यदि मैं दान देना बंद कर दूंगा तो क्या तुम्हारा भगवान तुम्हे भीख देगा |

रामु ने कहा भगवान तू ही सबसे बड़ा है | रामु भगवान को धन्यवाद देकर चला जाता है

सबके जाने के बाद राजा ये सोचते रहते है की रामु को कसे सबक सिखया जाये ताकि वो भगवान को धन्यवाद देने की बजाय मुझे धन्यवाद कहे| अगले दिन हमेशा की तरह वो दोनों  भीख लेने जाते है. राजा उन्हें उनके हिस्से का दान देते है. राजा रामु को रुकने के लिए कहते है

 

God is Great- भगवान ही सबसे बड़ा हैं

 

और श्यामू को बगल के रास्ते  से जाने के लिए कहते है क्योकि उस रास्ते में राजा ने एक बर्तन में ढेर सारे चांदी के सिक्के रखे होते है. उस रास्ते से केवल राजा ही जाते है. श्यामू उस  रास्ते पर चल पड़ता है और मन ही मन सोचता है राजन आप कितने महान है कितने दयालु है आज आपने एक गरीब बिखरी को उस रास्ते पर चलने का अवसर दिया जिस पर केवल आप ही चलते है. आज तो मैं आँखे बंद कर के भी चल सकता हूं. ये सोचकर उसने अपनी आँखे बंद कर ली और रास्ते पर चलने लगा चुकि वह रास्ते पर आँखे बंद कर के चल रहा था इसलिए वह उस बर्तन को देखने से चूक गया जिसमे चांदी के सिक्के रखे थे. कुछ ही देर बाद राजा रामु से कहता है रामु श्यामू अवश्य ही जा चूका होगा अब तुम भी जा सकते हो मगर ध्यान रखना तुम भी उसी रास्ते से जाना जिस रास्ते से मैंने श्यामू को भेजा है ,

ठीक है राजन रामु यह बोलकर उसी रास्ते से आ जाता है. उसको वह चांदी का घड़ा दिखता है और वह उस बर्तन को उठा लेता है और सोचता है. श्यामू को यह घड़ा क्यों नही दिखा और बोलता है. मुझे पूरा विशवास है की भगवान ने ये मुझे ही दिया है |रामु भगवान को धन्यवाद कहता है. अगली सुबह जब राजा हमेशा की तरह महल के दरवाजे पर आये तो उन्होंने सोचा खजाने मिलने की ख़ुशी में श्यामू की आँखों में अवश्य ही ख़ुशी की चमक होगी परंतु श्यामू शांत खड़ा था. राजा अपने आप पर काबू नही कर सके और उन्होंने उत्सुक हो कर श्यामू से पूछा श्यामू तुम्हारा कल का सफर कैसा था क्या रास्ते में कोई चीज़ मिली थी.

नही राजन रास्ता इतना सुन्दर और साफ़ था की में अपनी आँख बंद की और अपने घर चला गया राजा समझ गए, उन्होंने रामु से पूछा तुम अपना तजुर्बा सुनाओ. बहुत खुशनुमा था, मुझे रास्ते में चांदी के सिक्के से भरा घड़ा मिला, भगवान बहुत बड़ा दाता है  राजन| राजा को उसकी बात पसंद नही आयी और राजा ने सोचा किसी भी तरह रामु को ये महसूस करना होगा की भगवान नही है राजा बलवंत सिंह है दान देने वाला दाता | पूरे एक सफ्ताह तक राजा हमेशा की तरह दोनों को दान देते रहे और आंठवे दिन राजा पैसे की बजाय श्यामू को एक तरबूज देते है |राजा ने कहा श्यामू आज मैं तुम्हे दान में ये तरबूज दे रहा हूं0, श्यामू आज के इस दान से बहुत खुश नही था परन्तु राजा के सामने उसकी मुह खोलने की हिम्मत नही हुई और बोला धन्यवाद भगवान |

श्यामू सोचा इतने बड़े तरबूज का वो क्या करेगा और तरबूज बेचने वाले को बेच दिया |

वही रामु अपने घर जाते हुई सोच रहा था घर में कोई सब्जी नही है सब्जी ले चलता हूँ तो रामु उसी तरबूज वाले के पास से वही तरबूज खरीद लेता है, घर जाकर रामु उस तरबूज को काटता है तो उस तरबूज से ढेर सारे सोने सिक्के निकलते है और ऊपर हाथ कर के बोलता है भगवान तू महान है भगवान तू ही सबसे बड़ा दाता है. अगले दिन हमेशा की तरह केवल श्यामू ही राजा से भीख लेने जाता है. अकेले श्यामू को देखकर राजा ने उससे पूछा की रामु कहा है तो श्यामू ने कहा राजन जैसा की रामु हमेशा कहा करता था भगवान है वाकई भगवान ही  सबसे बड़ा दाता है, कल वो बाजार से एक तरबूज खरीदकर घर ले गया. जब उसने तरबूज काटा तो उसमे से बहुत सारे सोने के सिक्के मिले जिससे अब वो एक आमिर आदमी बन गया है  भगवान की कृपा से |

ये कहकर अपने हिस्से का दान लेकर चला जाता है, उसके जाने के बाद जाता अपने दोनों हाथ आसमान की तरफ करके कहते है हे भगवान तू हे सबसे बड़ा देने वाला और पालन करने वाला है हम तो मात्र तुछ प्राणी है

इस कहानी की सिख है भगवान हे दुनिया में सब कुछ देता है वही राज करता है उसकी मर्जी के बिना किसी की कुछ नही मिल सकता |