हमने अक्सर सुना है मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही फल भोगता है। और यह सच भी है. भगवान श्रीकृष्ण गीता में स्वयं कहते हैं कि कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए बगैर नहीं रह सकता है।  मानव के पास ही प्रभु ने शक्ति प्रदान की है कि अपने अच्छे कर्र्मो के सहारे वह जीवन नैया को पार लगा सके।परमात्मा का हिसाब बिल्कुल साफ है। अच्छे कर्र्मो का फल शुभ व बुरे का फल अशुभ। प्रभु कृपा से जीवन में यदि सत्ता, संपति व सत्कार मिले तो उसे बचाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने अच्छे कर्मो में बढ़ोतरी करें। जीवन के सच्चे मूल्य को समझें। प्रभु प्राप्ति में जो कर्म सहायक हों उन्हें ही करने का प्रयास करें। कर्म के बिना जीवन अर्थहीन होती हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कर्म करते हुए, फल प्राप्ति की इच्छा रखनी चाहिए. कर्म ही मनुष्य को सफलता, सम्मान, यश और कीर्ति प्रदान करता हैं. इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये है बेहतरीन “कर्म उद्धरण हिंदी में” (Karma Quotes in Hindi). जिसके माध्यम से हम जीवन में प्रेरित होकर सफल हो सकते है.

“कर्म उद्धरण हिंदी में” (Karma Quotes in Hindi)

1.जो कर्म यज्ञ के लिए किये जाते हैं, उनके अलावा हुए कर्मों से बंधन उत्पन्न हो जाते हैं. – श्रीकृष्ण

 

2.कर्म करने पर ही तुम्हारा अधिकार है, फल में नहीं. तुम कर्मफल का कारण मत बनो और अपनी प्रवृति कर्म करने में रखो. – श्रीमद्भागवत गीता

 

https://desibabu.in/wp-admin/options-general.php?page=ad-inserter.php#tab-2

3.कर्म करने पर ही तुम्हारा अधिकार है, फल में नहीं. तुम कर्मफल का कारण मत बनो और अपनी प्रवृति कर्म करने में रखो. – श्रीमद्भागवत गीता

 

4.कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को सर्वोत्तम ढंग से करना चाहता है तो उसे अपनी सम्पूर्ण योग्यता पूरी सामर्थ्य उसमें लगा देनी चाहिए. – स्वेट मार्डेन

 

5.जो सिर्फ काम की बात करते हैं, वे अवश्य सफल होते हैं. – डेल कार्नेगी

 

6.कर्म के दर्पण में व्यक्तित्व का प्रतिबिंब झलकता है. – विनोबा भावे

 

7.किया हुआ पुरूषार्थ भाग्य का निर्माण करता है. साक्षात ईश्वर भी पुरूषार्थहीन व्यक्ति को कुछ देने के अधिकारी नही होते. – वेदव्यास

 

8.कार्य आरम्भ न करने से उद्देश्य सिद्ध नहीं होता, परन्तु पुरूषार्थ करने से भी जिनके कार्य सिद्ध न हो, वे भाग्य के मारे होते हैं. – वेदव्यास

 

9.कर्मफल का त्याग ही सच्चा त्याग है. यही मुक्ति है. – भगवान कृष्णा

 

पारिवारिक स्टेटस हिंदी में” (Family Status in Hindi)

 

10.कर्म करने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि उससे पछतावा होगा या प्रसन्नता प्राप्त होगी. – भगवान बुद्ध

 

11.कर्म ही धर्म का दर्शन है. समय-समय पर पुरातन दर्शन की नये संदर्भ में समय के अनुसार बुद्धिमत्तापूर्ण व्याख्या की आवश्यकता होती है. बुद्धिमान व्यक्ति. पैगम्बर और ऋषि, जनसाधारण को पुरातन दर्शन को वर्तमान सन्दर्भ में ही अपनाने का परामर्श देते हैं. – स्वामी विवेकानंद

 

12.कर्म से आदमी ऊँचा नीचा होता है. प्रभु सबको उसके कर्मफल से ऊँचा पद व मान मर्यादा देते हैं. – वेद व्यास

 

13.कर्म की मुक्ति आनन्द में एवं आनन्द की मुक्ति कर्म में है. – रवीन्द्रनाथ ठाकुर

 

14.उत्तम पुरूषों की यह रीति है कि वे किसी भी कार्य को अधूरा नहीं छोड़ते. – गुरू नानकदेव

 

15.अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती हैं, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं होती. – प्रेमचंद

मैने आपके साथ “कर्म उद्धरण हिंदी में” (Karma Quotes in Hindi) साझा किये है. आपको यह पोस्ट कैसी लगी, हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.