मेमने की चतुराई

मेमने की चतुराईएक बार एक भेड़िया भेड़ो के झुंड से एक मेमने को उठा लाया | जब वह जंगल में लाकर उसे खाने बैठा तो मेमना बोला-“भेड़िए मामा! अब आप मुझे उठा लाये है तो खायेगे भी | मगर यदि में यूं ही मर गया तो मेरी इच्छा अधूरी रह जाएगी |”

“क्या?”

“मने सुना है की आप गाना बहुत अच्छा गाते है| मेरी माँ भी आपकी बड़ी तारीफ करती है| क्या मेरे मरने से पहले आप मुझे एक गाना नहीं सुनाएंगे |”

मेमने की बात सुनकर भेड़िया फूलकर कुप्पा हो गया| वह बोला-“क्यों नहीं भांजे ! जब तू इतनी गुहार कर रहा है तो एक गाना सुनाने में आखिर हर्ज़ ही क्या है?”

कहकर भेड़िया गाने लगा | गाते समय उसे यह भी ध्यान नहीं रहा की जंगल में शिकारी कुत्ते भी घूम रहे है | मेमना तो था ही इसी ताड में की कब भेड़िए की बेसुरी आवाज सुनकर उसका मालिक गड़रिया और शिकारी कुत्ते वहां पहुंचे |

कुछ देर बाद वैसा ही हुआ | शिकारी कुत्ते और गड़रिया वहां आ पहुंचे |

गड़रिए ने मेमने को संभाला और कुत्तो ने भेड़िए को चीर- फाड़कर फेक दिया|