Paytm Success Story | Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi

अक्सर हिंदी मीडियम में पढ़े लोगों की यह शिकायत होती है कि इंग्लिश ना आने की वजह से हम अपनी लाइफ

में फेल हो गए लेकिन जिनके इरादों में दम हो सीने में गर्मी हो दिमाग में कुछ नया करने की लालसा होना तो वह अज्ञानता को दोष नहीं देता बल्कि वह कमियों को दूर कर अपने लक्ष्य तक जाता है मैं आज PAYTM सीईओ विजय शेखर शर्मा से परिचय करवा रहा हु

Paytm Success Story Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi

जो बचपन से हिंदी मीडियम में पढ़े हुए इंटेलिजेंट स्टूडेंट थे विजय 15 साल की उम्र में इंजीनियर की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गई और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया विजय स्कूल के दिनों क्लास की पहली बैंच पर बैठते थे तो कॉलेज में भी वो पहली बैंच पर बैठने लगे लेकिन एक दिन टीचर ने इंग्लिश में सवाल पूछा और विजय समझ नहीं पाए इससे पहले विजय ने पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी

और इंग्लिश से दूर-दूर तक का कोई वास्ता नहीं था उस दिन विजय को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई और क्लासमेंट ने भी उनका बहुत मजाक उड़ाया इसके बाद से वह लास्ट बेंच पर बैठने लगे कहते हैं कहते है की आपकी कमजोरी भी कभी आपको फायदा भी पहुंचा सकती है विजय ने क्लास छोड़ना स्टार्ट कर दिया और लाइब्रेरी में जाकर बैठने लगे विजय ने लाइब्रेरी में बहुत सारी सक्सेस स्टोरी पढ़ी सक्सेस स्टोरी ने विजय को काफी प्रभावित किया स्टोरीज ने विजय की इंग्लिश को तो अच्छी कर ही दी और साथ ही साथ उनकी सोच को भी बदल दिया यही कारण है कि विजय ने खुद का बॉस बनने की सोच ली उसके बाद कंप्यूटर लैब में जा जा कर विजय कोडिंग भी सीख ली इसी अनुभव से 1997 में अपनी क्लासमेट हरविंदर के साथ मिलकर इंडिया साइट डॉट नेट की डिजाइनिंग की इसके बाद वह दोनों कई छोटे-छोटे प्लेटफार्म पर भी काम काम करने लगे ठीक 2 साल बाद एक अमेरिका की कंपनी ने एक मिलियन डॉलर में इंडियन साइड को खरीद लिया 2001 में विजय ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर साउथ दिल्ली में एक छोटे से रूम रूम को किराए में लेकर 5 -5 लाख रुपए लगाकर 197 नाम से एक कंपनी खोली जो मोबाइल यूजर को मोबाइल कंटेंट जैसे न्यूज़ ,sms , रिंगटोन ,जोक्स जैसे कई सेवाएं प्रदान करता थी पर 9 /11 में हुए अमेरिकी में आतंकी हमले के कारण 197 का बिजनेस काफी स्लो हो गया और जल्द ही कंपनी का फंड भी खत्म हो गया और साथ ही पाटनर ने पार्टनरशिप खत्म कर ली 2 सालों तक यही स्थिति बरकरार रही है 2003 -2004 के संघर्ष के दिनों में विजय ने कई जॉब करके अपनी कंपनी को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे थे अपने स्टाफ कर्मचारियों को सैलरी विजय ने दोस्तों और रिश्तेदारों से 24 % के सालाना ब्याज दर पर पैसा लोन लेकर किया 2004 में विजय की डूबती नय्या को पूयूष अग्रवाल से सहारा मिला उन्होंने विजय की कंपनी में 8 लाख का इन्वेस्ट किया और 40 पर्सेंट शेयर खरीदे कैश फ्लो में सुधार होने के कारण कंपनी प्रोग्रेस की पटरी पर उतरने लगी

विजय ने गौर किया की स्मार्टफोन का उपयोग बड़ी तेजी से बढ़ रहा है क्यों नहीं इससे जुड़ा कुछ ऐसा किया जाए जिससे लोगों की समस्याओं का निदान हो इसी सोच के साथ विजय ने 197 कम्युनिकेशन लिमिटेड के अंतर्गत paytm.com लॉन्च की और ऑनलाइन रिचार्ज सुविधा शुरू की बाजार में कई अन्य वेबसाइट भी थी जो की मोबाइल रिचार्ज की सुविधा देती थी लकिन paytm का सिस्टम उनकी तुलना में बहुत ही सरल था PAYTM का बिजनेस बढ़ा तो विजय ने paytm.com में ऑनलाइन वॉलेट ,मोबाइल रिचार्ज ,बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर और शॉपिंग जैसे कई फीचर भी जोड़ दिए विजय को उनके प्रयासों और संघर्षों का फल मिला और आज PAYTM भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन पेमेंट और इ- कॉमर्स platform बन चुका है

भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है इसका मतलब यह नहीं की भीड़ हमेशा सही रास्ते पर चल रही है अपने रास्ते खुद चुनिए क्या आपको आप से बेहतर कोई नहीं जानता