शाहरुख का पारिवारिक जीवन किसी परीकथा की तरह खुशगवार, लेकिन उतार-चढ़ाव से भरापूरा नजर आता है। एक्टिंग-करियर में शाहरुख को इतनी अनिश्चितता का सामना नहीं करना पड़ा, जितना खानदानी मोर्चे पर। हर परीकथा की शुरुआत त्रासद होती है और अंत खुशनुमा। माँ-बाप का साया असमय उठ जाने से शाहरुख के जीवन में आए खालीपन को पत्नी गौरी ने कुशलतापूर्वक भर दिया। आज शाहरुख और गौरी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे खुश किस्मत दंपति माने जाते हैं। इस परिवार की पूर्णता बेटे आर्यन, अबराम और बेटी सुहाना के रूप में हुई है। सुपर स्टार पति, निष्ठावान पत्नी, पुत्र-पुत्री का जोड़ा इससे सुखद किसी परिवार की रचना और क्या हो सकती है? शाहरुख का दांपत्य जीवन संतुलन और सौभाग्य का संगम है।  

Shah Rukh’s family life looks as happy as a fairy tale, but full of ups and downs. In his acting career, Shah Rukh did not face as much uncertainty as on the family front. Every fairy tale has a tragic beginning and a happy ending. Wife Gauri skillfully filled the void in Shah Rukh’s life due to untimely departure of his parents. Today, Shah Rukh and Gauri are considered to be the luckiest couple in the film industry. This family is complete with sons Aryan, Abram and daughter Suhana. Super star husband, loyal wife, son-daughter pair, what could be a happier family creation? Shah Rukh’s conjugal life is a confluence of balance and good fortune.

शाहरुख की माँ

रोमांस के मामले में शाहरुख ने अपने पिता की रसिकमिजाजी का अनुसरण किया है। शाहरुख के वालिद मरहूम ताज मोहम्मद ने भी प्रेम विवाह किया था। बड़े मियाँ और उनकी संभावित बेगम साहिबा की पहली मुलाकात दिल्ली के इंडिया गेट पर हुई थी। मीर साहब वहाँ अपने एक करीबी दोस्त के साथ घूमने आए थे। उसी दौरान एक नाजनीन फातिमा (शाहरुख की माँ) अपनी दो बहनों और अब्बा हुजूर के साथ इंडिया गेट पर पहुँची। ताज मोहम्मद के दिलोदिमाग पर पहली ही नजर में यह गुलेबकावली छा गई। संयोग कुछ ऐसा रहा कि जिस गाड़ी में फातिमा बीबी अपने कुनबे के साथ आई थीं, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मीर साहब अपनी चश्मेबद्‍दूर को खून देने अस्पताल पहुँच गए। फातिमा पर ताज मोहम्मद का खून ही नहीं, रंग भी कुछ इस कदर चढ़ा कि ‍दोनों ने निकाह में ज्यादा देर नहीं की। शाहरुख के वालिद और खालाजान की प्रणय कथा का यह सुखद अंत था।

 शाहरुख ने करीब नौ साल तक गौरी का पीछा किया। आशिकी की शुरुआत तब हुई, जब दोनों स्कूली छात्र थे। शाहरुख 12वीं के छात्र थे जबकि गौरी 9वीं में पढ़ रही थी। इस प्रेमी जोड़े की कमसिनी पर नजर डालते वक्त बरबस ही बॉबी के ऋषि कपूर और डिम्पल याद आ जाते हैं। ठीक इसी फिल्म के किशोर प्रेमियों की तरह इनका रोमांस पनपा है। प्रेमी परिवारों के बीच खींचतान और अंतत: शादी की शहनाइयाँ। सब कुछ किसी फिल्मी प्रेमकथा की तरह हुआ। पंजाबी हिन्दू रीति से शाहरुख और गौरी की शादी मुकम्मल हुई।

गौरी पर शाहरुख का जादू 

वैवाहिक धरातल पर शाहरुख को सुनील शेट्‍टी के समकक्ष रखा जाता है। शाहरुख के पत्नी-प्रेम की मिसालें दी जाती हैं। इस मान्यता के साथ कई हास्यास्पद चर्चाएँ भी जुड़ी हैं। मसलन एक जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार ने टीवी पर उनसे पूछा कि क्या वे उभयलिंगी हैं? आखिर हीरोइनों के साथ उनके रोमांस के किस्से क्यों नहीं सामने आते? कहा यह भी जाता है कि शाहरुख अपनी बीवी से बहुत डरते हैं।

शाहरुख़ खान और गौरी खान का प्यार बहुत सच्चा है भगवान हमेशा इनका ऐसे ही बनाये रखना।

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