स्वर्ग से एक आदेश | An Order From Heaven – Akbar Birbal Ki Kahani

An Order From Heaven - Akbar Birbal Ki Kahani

बादशाह अकबर के दरबारी बीरबल से बहुत ही जलते थे. एक बार 3 दरबारी आपस में बात कर रहे थे. उनमें से एक ने कहा कि जब तक है बीरबल रहेगा शहंशाह हमें भाव नहीं देंगे. दूसरे ने कहा कि वह बीरबल को हमेशा महंगे तोहफे देते हैं और हमें कुछ नहीं मिलता.

तीसरे ने कहा बीरबल अकलमंद है तो क्या हम बेवकूफ थोड़ी है.

पहले वाले दरबारी ने कहा अब बर्दाश्त नहीं होता. हर खास बात के लिए शहंशाह बस उसी से मशवरा करते हैं

दूसरे दरबारी ने कहा हम तो जैसे राजकाज के कार्य में अनाड़ी हैं.

तीसरे दरबारी ने कहा अगर हमें फिर से अपनी जगह बनानी है तो बीरबल को हर हाल में दरबार से निकलवाना होगा.

पहले दरबारी ने कहा कि सिर्फ दरबार से क्यों? हम क्यों ना उसे दुनिया से ही निकलवा देते हैं?

दूसरे दरबारी ने कहा फिर तो हमें फिर से अच्छे पद और इनाम मिलने लगेंगे.

तीसरे दरबारी ने कहा पर यह सब होगा कैसे???

पहले दरबारी ने इसके लिए एक योजना सभी को बताई. और अपनी योजना अनुसार उन्होंने बादशाह के नाई को भरोसे में ले लिया.

अगले दिन जब नाई बादशाह के बाल काट रहा था तब साथ ही साथ उनकी चापलूसी भी किए जा रहा था.

नाई ने कहा लगता है शहंशाह के बाल आम लोगों से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं.

शहंशाह ने कहा सो तो है क्योंकि शहंशाह आम लोगों की परेशानियों के बारे में सोचता है और उनकी फिक्र करता है.

नाइ कहता है वाह सुभानअल्लाह!! शहंशाह के दिमाग के तो कहने ही क्या!!! आपके दिमाग का तो कोई मुकाबला ही नहीं है हुजूर.

बादशाह कहते हैं कि तुम्हारी चापलूसी का भी कोई मुकाबला नहीं है.

तीनों दरबारी शहंशाह के पास में ही खड़े थे. उनमें से एक पोटली में से कुछ दाने निकाल कर पीछे फेंक रहा था और तभी उसे चुगने के लिए एक कौवा वहां पर आता है.

नाई बड़े गौर से देखने लग जाता है इस पर बादशाह कहते हैं कि क्या कभी तुमने कव्वे को नहीं देखा है

नाई कहता है किसने नहीं देखा होगा लेकिन कभी-कभी हमारे पुरखे हमें उनकी याद दिलाने के लिए कव्वे को भेजते रहते हैं

बादशाह ने नाई से कहा कि क्या तुम्हें लगता है कि यह नाई सीधे स्वर्ग से आया है?? तुम्हें लगता है कि मैं इस बेवकूफी पर यकीन कर लूंगा??

नाई ने कहा लेकिन हर कोई इस पर यकीन करता है. देखिए कैसे है यह काव काव कर रहा है. सुनने में यह कोई की साधारण सी कांव-कांव लग रही है लेकिन यदि आप इसे ध्यान से सुनेंगे तो आपको पता लगेगा कि यह असल में काव काव नहीं कर रहा है बल्कि यह रो रहा है.

शहंशाह ने नाई से पूछा की क्या सच में इसे मेरे पुरखों ने भेजा है? नाई ने कहा – मेरे हुजूर उन्होंने इसे भेजा है आपको याद दिलाने के लिए कि आप उन्हें भूल गए हैं और उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते.

नाई कहता है हुजूर हमें उनकी खैर-खबर लेने के लिए किसी को उनके पास भेजना चाहिए.

शहंशाह कहते हैं किसे भेजा जा सकता है? और कैसे? मैंने तो नहीं सुना की जिंदा आदमी को स्वर्ग भेजा जा सकता है

शहंशाह कहता हैं फिक्र ना करें मेरे हुजूर. अगर आप चाहे तो मैं आपको आदमी को ऊपर भेजने का आसान तरीका बता सकता हूं.

शहंशाह कहते हैं ठीक है बताओ कि कैसे मैं किसी को स्वर्ग में भेजकर यह पता कर सकता हूं कि मेरे पुरखे खुश हैं या नहीं?.

नाई कहता हैं की आप हुकुम दीजिए कि एक घास का डेर बनाया जाए जो काफी लंबे समय तक चले. फिर एक आदमी उसके अंदर घुस आएगा और फिर आप अपने पुरखों से प्रार्थना करेंगे कि वह उस आदमी को ऊपर उठा ले. आपकी प्रार्थना खत्म होने के बाद मैं घास के ढेर में आग लगा दूंगा. आग और धुआं उस आदमी के शरीर को हल्का कर देंगे और चुटकी बजाते ही आदमी गायब होकर स्वर्ग में पहुंच जाएगा.

बादशाह कहते हैं मुझे तो अभी भी यकीन नहीं है और इस तरीके से कौन जाने को राजी होगा??

दरबारी कहते हैं कोई भी आपका हुकुम मानेगा हुजूर लेकिन वह आदमी होशियार होना चाहिए जो कि आप के पुरखों से बात कर सके और उन्हें यह बता सके कि आप उनकी कितनी चिंता करते हैं

नाई ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को भेजना चाहिए जो आपके करीबी हो और जो उनके बारे में आपके जज्बातों को समझा सके.

शहंशाह सोचते हैं कि ऐसा कौन हो सकता है.

नाई शहंशाह को बीरबल का नाम सुझाता है. वह कहता है इस काम के लिए बीरबल सबसे उम्दा रहेंगे. वह शहंशाह के बहुत करीबी हैं और आपके पसंदीदा भी हैं और होशियार भी. वह बहुत अकलमंद है और मजाकिया. वे उनका दिल बहुत ही आसानी से बहला सकते हैं बातें कर सकते हैं और समझा सकते हैं कि आप उनकी बहुत परवाह करते हैं. इस मसले के लिए केवल राजा बीरबल पर ही भरोसा किया जा सकता है. ऐसा मेरा मानना है.

इसी बीच बीरबल वहां जाते हैं और शहंशाह उन्हें कहते हैं कि क्या तुम यकीन कर सकते हो कि मेरे पुरखों ने स्वर्ग से मेरी खैर-खबर नहीं लेने की कव्वे को भेजा है और यह नाई चाहता है कि तुम्हें उनकी खैर-खबर लेने के लिए स्वर्ग भेजा जाए.

बीरबल कहते हैं हुजूरेवाला मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं स्वर्ग में कदम रखूंगा वह भी जीते जी लेकिन हुजूरे वाला मैं उस जगह को देखना चाहूंगा जहां से मैं स्वर्ग को रवाना होऊंगा क्योंकि उस जगह बैठकर में स्वर्ग पहुंचने से पहले कम से कम 11 दिनों तक देवी देवताओं की स्मरण करना चाहूंगा.

शहंशाह ने कहा कि तुम्हारी इच्छा पूरी की जाएगी. 11 दिनों बाद वही हुआ जैसा कि नाई ने शहंशाह को बताया था. बीरबल घास के ढेर के अंदर चले गए और फिर नाई ने घास में आग लगा दी.

3 महीने के बाद भी जब बीरबल वापस नहीं लौटे तो शहंशाह ने पूछा कि ऐसा क्या हुआ कि बीरबल अभी तक नहीं लौटे हैं? उनके बिना यह दरबार बहुत खाली-खाली सा लगता है. नाइ उस समय वहीं उपस्थित था. उसने कहा मुझे नहीं पता मेरे आका हो सकता है कि आप के पुरखों को बीरबल इतने पसंद आ गए हो कि उन्होंने उन्हें वहीं पर रख लिया हो. आपको उनकी फिक्र करने की जरूरत नहीं है. आप के पास और भी होशियार और अकलमंद दरबारी हैं.

शहंशाह ने कहा की बीरबल की जगह कोई नहीं ले सकता. इसी बीच बीरबल दरबार में प्रवेश करते हैं और शहंशाह उनका अभिवादन करते हैं.

शहंशाह बीरबल को देख कर बहुत खुश हो जाते हैं और उनसे गले मिलते हैं और पूछते हैं कि स्वर्ग में मेरे पुरखे कैसे हैं???

बीरबल कहते हैं वह सब मजे में हैं. बहुत ही अच्छी सेहत हैं उनकी लेकिन उन्होंने वह कोआ किसी और वजह से ही भेजा था.

शहंशाह पूछते हैं कौन सी वजह???

बीरबल कहते हैं वहां स्वर्ग में कोई नाई नहीं है. आपके पुरखे दाढ़ी और बाल नहीं काट पा रहे हैं. जरा मुझे देखिए हुजूर मैं भी बाल नहीं कटवा पाया. आपके कुछ पुरखों के बाले तो इतने लंबे हो गए हैं कि झाड़ू जैसे जमीन साफ करते फिरते हैं.

यह बात सुनकर शहंशाह ने कहा तब तो हमें तुरंत सबसे अच्छा नाई स्वर्ग भेजना चाहिए.

बीरबल ने भी शहंशाह की हां में हां मिला दी और सुझाया कि यह नाई पूरे राज्य में सबसे अच्छा है. इसे ही स्वर्ग भेजा जाना चाहिए.

शहंशाह ने नाई से कहा की तुम स्वर्ग में जाने के लिए तैयार हो जाओ. अपनी कैंचियां, कंघे, उस्तरे, आदि सब तैयार कर लो.

यह सब सुनकर नाई थर थर कांपने लगा. और शहंशाह के सामने घुटनों के बल बैठ गया और माफी मांगने लगा. वह कहता है कि उसे स्वर्ग नहीं जाना. आप किसी और को भेज दीजिए.

शहंशाह कहते हैं – नहीं. मैं चाहता हूं कि तुम जाओ. मैं सबसे अच्छा आदमी को ही अपने पुरखों की सेवा के लिए भेजना चाहता हूं. क्या ख्याल है बीरबल??? बीरबल ने इस बार भी उनकी हां में हां मिला दी और कहा कि पूरे राज्य में सबसे अच्छा नाई यही है इसे जल्द से जल्द भेज दीजिए पर इसे पहले मेरी दाढ़ी और बाल काटने पड़ेंगे.

नाई कहता हैं – नहीं नहीं!!!  मुझे माफ कर दीजिए हुजूर लेकिन मैं असली मुजरिम नहीं हूं. मुझे इन दरबारियों ने लालच दिया था. आपके यह दरबारी राजा बीरबल से जलते हैं और हमेशा के लिए उन्हें दरबार से हटाना चाहते थे इसलिए हमने उन्हें खत्म करने के लिए योजना बनाई थी.

शहंशाह ने जब यह सुना तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सारे दरबारियों को जेल में डालने का आदेश दे दिया.

इसके बाद उन्होंने बीरबल से पूछा कि तुम घास के ढेर की आग से बच कैसे गए??? बीरबल ने जवाब दिया कि उन 11 दिनों में मैंने घास के ढेर के नीचे एक सुरंग बना ली थी.

बीरबल की यह बात सुनकर शहंशाह बहुत प्रसन्न हुए. उसी समय कोआ वापस खिड़की पर आकर बैठ गया और शहंशाह ने बीरबल से पूछा क्या तुम इस कौवे की भाषा समझ सकते हो??

बीरबल ने कहा जी हां हुजूर. वह कह रहा है कि आप के पुरखे स्वर्ग में चुस्त हैं. एक नाई को भेज दीजिये ताकि वो उनकी दाढ़ी और बाल काट सके.

बीरबल की बात सुन कर दोनों जोर जोर से हंसने लगे.

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