आज के दौर मैं शायद ही कोई ऐसा होगा जो कंप्यूटर के बारें में न जनता हो। आज का युग टेक्नोलॉजी का युग हैं जिसने सभी काम आसान बना दिए हैं। हम कोई भी काम बड़ी आसानी से कर सकते हैं। किसी को कोई भी सन्देश भेजना हो तो आसानी से भेज सकते हैं। किसी भी इंतज़ार करने की जरुरत नहीं हैं।
कंप्यूटर के अविष्कार एक क्रन्तिकारी बदलाव लाया हैं। आप कंप्यूटर की मदद से कोई भी काम आसानी से निपटा सकते हैं। मुझे आज भी याद हैं जब मैंने पहली बार सन 2000 में कंप्यूटर लिया था। उस समय इसकी कीमत बहुत ज्यादा हुआ करती थी। जैसे जैसे technology का विकास हुआ कंप्यूटर के दाम कम होते गए और स्पीड बढ़ती गयी।
उस टाइम के और आज के कंप्यूटर की डिजाईन में काफी अंतर आ गया हैं। आज के कंप्यूटर्स काफी slim और high features वाले हैं।
अगर आप कंप्यूटर के बारें में पहली बार पढ़ रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं। यह आपको कंप्यूटर से सम्बंधित पूरी जानकारी मिलेंगी.
एक इम्पोर्टेन्ट बात मैं आपको बताना चाहता हूँ की अगर आपके पास computer नहीं है तो आप एक purchase कर लें. आप बहुत ही कम कीमत में एक कंप्यूटर खरीद सकते हैं। आज कल सभी जगह कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य हो गया हैं। चाहे आप किसी सरकारी दफ्तर की बात करें या किसी प्राइवेट कंपनी की, सब जगह कंप्यूटर का उपयोग बहुतायत में होता हैं।
चलिए अब में आपको कंप्यूटर के बारें में जानकारी देता हूँ।
कंप्यूटर क्या हैं पूर्ण जानकारी पढ़े यहाँ से
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जिसका उपयोग हम सूचनाओ का संग्रह करने के लिए करते हैं। इसे काम करने के लिए input की जरुरत होती हैं। जब आप कोई इनपुट कंप्यूटर को देते हैं तो ये उस पर process करते हैं और फिर हमें रिजल्ट monitor की स्क्रीन पर शो करता हैं जिसे हम output कहते हैं।
कंप्यूटर कोई भी काम बिना किसी input के नहीं कर सकता हैं। इनपुट देने के लिए हम keyboard/mouse का उपयोग करते हैं। कंप्यूटर का मस्तिष्क जिसे हम C.P. U. भी कहते है, प्रोसेसिंग करता हैं और हमें monitor screen पर output दिखाता हैं।
मोटी तोर पर कहें तो कंप्यूटर एक digital मशीन है जो user से डाटा यही की इनपुट लेती है और उस पर प्रोसेस करके हमें result शो करती हैं|
computer से मुख्य parts के बारें में हम बाद में विस्तार से पढ़ेंगे। इसलिए आप यह पोस्ट पूरी पढ़े जिससे की आपको computer के बारें में पूर्ण जानकारी हो सके।
विभिन्न तरह के कंप्यूटर
दोस्तों, कंप्यूटर भी कई तरह के होते हैं। उपयोग के आधार पर इनका साइज और डिजाईन निर्धारित किया जाता हैं।
तो आइये हम यह पर कुछ different types के कंप्यूटर्स के बारें में जानकरी लेते है जिससे की आपको ये concept पुरे तरीके से clear हो जाएं।
1. Desktop PC:
इन कंप्यूटर्स को आप एक फिक्स जगह पर रख सकते हैं जिससे की आप एक जगह बैठ कर आराम से काम कर सकें। ये पोर्टेबल नही होता हैं। इसलिए अगर आप एक ऐसा कंप्यूटर चाहते है जिसे आप एक जगह पर फिक्स कर सके तो आपको Desktop pc खरीदना चाइये। मैंने 10 years तक डेस्कटॉप pc use किया हैं। इस पर काम करना मुझे बहुत पसंद हैं।
2. Laptop
ये battery से चलते हैं और portable अर्तार्थ इनहे एक जगह से दुसरी जगह ले जाना आसान होता हैं । Generally, जो लोग marketing करते हैं उन लोगो के पास Laptop आसानी से देखते जा सकते हैं। लैपटॉप्स में monitor स्क्रीन, कीबोर्ड और mouse सब एक ही मशीन में दिए गए होते हैं|
3. Super Computer
Super computer बहुत ही महँगे होते हैं। इनका उपयोग रिसर्च वर्क में किया जाता हैं।
एक super computer में बहुत सारे processors parallel वर्क करते हैं ताकि स्पीड से data process किया सके।
4. Wearable Computer
इस तरह के कंप्यूटर ऐसी चीज़ों साथ में जोडे जाते है जो हम हमेशा carry कर सकते हैं जैसे की घडी, चश्मे, इत्यादि। आपको कुछ सालो में इस तरह देविसेस देखने को मिल रहे होंगे। ये सब wearable devices हैं जिनमें कंप्यूटर की क्षमता को जोड़ा गया है और इसकी मदद से आप email, multimedia. डेटाबेस, आदि उपयोग में ले सकते हैं।
5. Server
इस टाइप ले computers नेटवर्क में काम आते हैं। हम यहाँ पर इन्टरनेट network की बात कर रहे हैं। इन्हे बनाने के लिए बहुत से प्रोसेसर्स और मेमोरी की जरुरत पड़ती हैं।
ये कुछ डिफरेंट टाइप्स के कंप्यूटर्स थे। अब मैं आपको कंप्यूटर्स के पार्ट्स के बारे में जानकारी दूंगा।
कंप्यूटर के पार्ट्स की जानकारी
computer मूल रूप से दो चीज़ों से मिलकर बना होता हैं। पहला software और दूसरा Hardware. इन में से कोई एक चीज़ भी न हो तो कंप्यूटर work नहीं करेगा। सबसे पहले हम software के बारें में जानते हैं।
1. Software:
सॉफ्टवेर मुख्य रूप से वो प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर को रन करने के लिए जरुरी होते हैं। सॉफ्टवेर निर्देशो का एक समूह होता हैं जो की computer हार्डवेयर पार्ट को निर्देश देता हैं की उसे कोनसे टास्क पूरे करने हैं। कई प्रकार के सॉफ्टवेर मार्किट में अवेलेबल है जिन में से कुछ फ्री और कुछ के लिए आपको pay करना पड़ता हैं।
सॉफ्टवेर तीन प्रकार के होते हैं-
1. System Software
2. Utility Software
३. Application Software
1. System Software
System सॉफ्टवेर वे सॉफ्टवेर है जो की किसी भी कंप्यूटर को रन करने, कण्ट्रोल करने, और बेसिक working environment तैयार करने के लिए काम में आते हैं। किसी computer को अगर use में लेना हैं तो सिस्टम सॉफ्टवेर होना पहली requirement हैं।
2.Utility software
ये directly सिस्टम सॉफ्टवेर नहीं होते बल्कि ये कंप्यूटर को मेन्टेन करने में सिस्टम सॉफ्टवेर की मदद करते हैं। इनके द्वारा हम बेसिक मैंटेनस का काम जिसमें हम defragment, कम्प्रेशन, cleaning आदि को सम्मिलित करते है किया जाता हैं।
computer system में बहुत सारे utility प्रोग्राम्स आते है जिनका उपयोग हम करते हैं। उदाहरण के लिए एंटीवायरस, registry cleaner, system restoration प्रोग्राम आदि। जब हम कंप्यूटर पर internet का उपयोग करते हैं तब भी कई यूटिलिटी प्रोग्राम्स जैसे की firewall बैकग्रॉउंड में चलते रहते हैं।
3. Application Software:
ऐसे सॉफ्टवेर जिनकी सहायता से हम अपना official, अन्य वर्क कर सकते हैं उन्हें application सॉफ्टवेर कहते हैं। सरल भाषा में कहे तो ऐसे software जिन परपर एक नार्मल यूजर भी वर्क कर सकता हैं application software की श्रेणी में आते हैं।
अगर आपको कोई रिपोर्ट बनानी हैं यार फिर कोई letter लिखना हैं, कोई फोटो edit करनी हैं, सांग्स सुनने हैं। ये सभी काम आप एप्लीकेशन सॉफ्टवेर पर आसानी से कर सकते हैं।
कुछ के नाम आप जानते होंगे जैसे की MS Word, MS Excel, Tally, इतियादी।
ये यूजर की requirement के हिसाब से भी develop किये जा सकते हैं। अगर आपको अपने काम के लिए कोई एप्लीकेशन बनवानी हैं तो आप उसके लिए किसी developer से सहायता ले सकते हैं।
2. Hardware:
कंप्यूटर का हार्डवेयर वो पार्ट हैं जिसे हिम छू सकते हैं और देख भी सकते हैं। For Example: CPU, Monitor, Keyboard, Mouse, आदि। ये सब कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट्स में आते हैं। ये वह भाग है जिन पर software run होता हैं। कंप्यूटर के important हार्डवेयर पार्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-
#CPU: इसे हम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट भी कहते हैं क्योंकि ये कंप्यूटर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता हैं। कीबोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से आने वाले निर्देशो को ये प्रोसेस करता है और फिर आउटपुट डिवाइस पर रिजल्ट शो करता हैं। CPU की कुछ अन्य hardware parts से मिलकर बना होता हैं जो की इस प्रकार हैं-
a) Motherboard: यह cpu का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है मदरबोर्ड के ऊपर बहुत सारे components लगे होते हैं और यह कंपोनेंट other devices जैसे कि hard disk, ram, पावर यूनिट, dvd राइटर, इत्यादि से जुडे होते हैं। मदरबोर्ड के ऊपर बहुत सारी buses भी होती हैं जोकि डेटा लाने और ले जाने का काम करती हैं| यह buses 1 तरीके का wire होती हैं|
b) Ram: Ram का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी होता है जैसा की हमें नाम से ही पता चल रहा है कि हम इस मेमोरी में से डेटा रेंडमली एक्सेस कर सकते हैं| डाटा परमानेंट सेव नहीं होता है जब भी हम कंप्यूटर को ऑफ करते हैं तो डाटा मिट जाता है| कंप्यूटर को स्टार्ट किया जाता है तब प्रोग्राम Ram Mein लोड होते हैं और कंप्यूटर स्टार्ट हो जाता है| रैम का उपयोग कंप्यूटर की स्पीड को बढ़ाने के लिए किया जाता है|
चलिए इसका उपयोग एक उदाहरण से समझते हैं| मान लीजिए आपको एक फाइल ओपन करनी है और आपको इस पर कुछ देर के लिए काम करना है| जब तक आप इस फाइल को ओपन करके रखते हैं तो यह RAM में रहती है| आप जो भी इस पर प्रोसेस करते हैं वह RAM पर संपन्न होती है| इसके बाद जैसे ही आप फाइल को सेव करके बंद कर देते है तो वह RAm में से हट जाती है|
RAM के TYPE जाने से पहले मैं आपको एक बहुत ही इंपॉर्टेंट बात बताना चाहता हूं| आप COMPUTER में जितनी ज्यादा RAM होगी आपका कंप्यूटर उतनी ही तेजी से काम करेगा| इसलिए हमेशा अपने कंप्यूटर में अच्छी कैपिसिटी की रैम का प्रयोग करें| मार्केट में different capacity की ram available है जैसा की 521mb, 1gb, 2gb, 4gb,……
कंप्यूटर में दो तरह की RAM उपयोग में ली जाती है|
- Dynamic Ram
- Static Ram
इन दोनों के बारे में आपको अन्य आर्टिकल मैं बताऊंगा| आगे का आर्टिकल पढ़ते रहे।
c) Hard Disk:
इसे कंप्यूटर की परमानेंट मेमोरी भी कह सकते हैं क्योंकि इसमें डाटा हमेशा के लिए सेव हो जाता है| Hard Disk अलग-अलग कैपिसिटी की आती है| जब मैंने कंप्यूटर लिया था तब Hard Disk 10 Gb का था| उसके बाद टेक्नोलॉजी में इंप्रूवमेंट होता गया और Hard disk की कैपिसिटी बढ़ती गई| अगर मैं आज की बात करूं तो 2TB की हार्ड डिस्क मार्केट में अवेलेबल है|
d). Power Unit:
पावर यूनिट कंप्यूटर को मिलने वाले पावर सप्लाई कंट्रोल करती है| अगर यह ना हो तो पावर कम ज्यादा होने से कंप्यूटर खराब भी हो सकता है| इसलिए हम पावर सप्लाई जिसे हम SMPS भी बोलते हैं का यूज करते हैं|
#Keyboard: कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है जिसकी मदद से हम COMPUTER को निर्देश देते हैं| कीबोर्ड की सहायता से हम कुछ भी टाइप कर सकते हैं| यह कंप्यूटर का मुख्य इनपुट डिवाइस होता है
#Mouse: जब आप माउस का उपयोग करते हैं तो आप को कंप्यूटर की स्क्रीन पर एक एरो दिखाई देता है| माउस को आप जैसे जैसे move करते हैं वैसे वैसे वह cursor भी move करता है| Generally माउस में तीन बटन होते हैं| Left बटन का उपयोग किसी भी फोल्डर और फाइल को ओपन करने के लिए, Right बटन का उपयोग ऑप्शन को ओपन करने के लिए और scroll button का उपयोग किसी भी page को ऊपर नीचे करने के लिए किया जाता है|
#Monitor:
मोनिटर का उपयोग आउटपुट देखने के लिए किया जाता है| जब हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं तो प्रोसेसिंग के पश्चात जो भी रिजल्ट होता है या आउटपुट होता है वह मोनिटर स्क्रीन पर show होता है| बहुत पहले केवल ब्लैक एंड वाइट मोनिटर ही मिलते थे लेकिन अब मोनिटर में भी बहुत सारे color उपलब्ध हो जाते हैं जिससे कि आउटपुट और अच्छा दिखता है| बाजार में led और lcd भी उपलब्ध है जो मॉनिटर के रूप में काम में लिए जा रहे है|
-> working of pc कंप्यूटर की कार्य प्रणाली
कंप्यूटर की कार्य प्रणाली मुख्य रूप से तीन भागों में बंटी हुई है पहला उठाएं इनपुट दूसरा प्रोसेसिंग, और तीसरा है output.
Input:
कंप्यूटर को कीबोर्ड की सहायता से जो भी निर्देश देते हैं उन्हें Input कहते हैं| जैसे की आपको कुछ टाइप करना है तो अपने कीबोर्ड से characters press kerte hain हैं और वह आपको सामने स्क्रीन पर दिख जाएगा| यह आपकी इनपुट देने की प्रक्रिया हुई
Processing:
जब हम कंप्यूटर को कोई भी निर्देश देते हैं तो वह एक raw डाटा होता है जिस पर कंप्यूटर work करता है और उसे इंफॉर्मेशन में कनवर्ट करता है| इस प्रक्रिया को प्रोसेसिंग कहते हैं।
Output:
प्रोसेसिंग के बाद जो भी रिजल्ट होता है उसे आउटपुट कहते हैं और वह मोनिटर स्क्रीन पर दिखाई देता है|
अब आप जान गए होंगे की कंप्यूटर क्या हैं। | इस पोस्ट में मैंने आपको कंप्यूटर के parts ke bare में बताया| इसी के साथ साथ यह भी बताया कि वह क्या काम करते हैं|
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