एक दिन बादशाह अकबर और बीरबल आपस में बातें कर रहे थे.
बादशाह बीरबल से कहते हैं – बीरबल. हमें लगता है कि हमारे राज्य में सभी लोग ईमानदार हैं.
बीरबल कहते हैं – कह नहीं सकते जहांपनाह, आजकल लोग पहले जैसे ईमानदार नहीं रहे.
बादशाह कहते हैं – तुम यह कैसे कह सकते हो?
बीरबल कहते हैं – ठीक है. मैं इस बात को कल प्रमाणित कर दूंगा. अगले दिन पुरे राज्य में यह घोषणा करवाई गई की मंदिर के पास रखे हांडे में सभी को एक सेर दूध डालना है. यह शाही फरमान है.
सभी लोगों ने आकर उस हांडे में दूध डाला. शाम को जब बादशाह और बीरबल उस हांडे को देखने मंदिर गए तो उन्होंने देखा कि उस हांडे में तो सिर्फ पानी ही था.
बीरबल कहते हैं – देखिए जहांपनाह, हर व्यक्ति ने यही विचार किया कि इतने बड़े हांडे में यदि वे एक सेर पानी डालें तो किसी की समझ में नहीं आएगा. यही विचार करके सभी ने पानी डाला.
फिर बादशाह कहते हैं – बीरबल, तुम्हारी बात सही थी. आजकल हमारी प्रजा इतनी ईमानदार नहीं रही.