How To Be Smart And Think Positive in Hindi

How To Be Smart And Think Positive in Hindi

1970 में हारवर्ड में एक रिसर्च हुआ जिसके मुताबिक जिन लोगो की लॉन्ग टर्म थिंकिंग थी उन लोगो ने 0 से शुरू करते हुए multi million $$ बिज़नेस खड़े किये. भले ही उनका IQ high नहीं था लेकिन वो स्मार्ट लोग थे. उनकी Positivity, लॉन्ग टर्म थिकिंग और उनका हर immediate एक्शन उन्हें अपने goal के समीप लाता था.

हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं long term thinking, positivity और actions से related कुछ इम्पोर्टेन्ट टिप्स वो आपको सक्सेसफुल बनने में help करेगी.

1. लॉन्ग टर्म thinking and immediate एक्शन

एक शराबी सारी ज़िन्दगी struggle करता रहता है उसके short term सोच की वजह से. उसके जायदातर एक्शन उसकी immediate need के हिसाब से होते हैं. और वो need होती हैं अगली ड्रंक का इंतेज़ाम करना. इसलिए वो हमेशा दुखी रहता हैं.

हैप्पी और सक्सेसफुल लोगो का नजरिया काफी ब्रॉड होता हैं क्यूंकि वो नजरिया लॉन्ग टर्म थिंकिंग पर बना होता हैं. लॉन्ग टर्म थिंकिंग एक स्टेप आगे सोचने को कहते हैं. मतलब जो आप आज करोगे उसका रिजल्ट क्या होगा. और उस रिजल्ट का रिजल्ट क्या होगा…..और ये इसी तरह आगे चलता रहता हैं.

आपको आज से 5 साल आगे का सोचना चाहिए की आज से 5 साल बाद आप अपने आपको कहाँ देखता चाहते हैं. और आपको वहाँ तक पहुंचने के लिए प्लान बनाना होगा.

उसे लिए इनफार्मेशन collect करना होगी. और फिर इस information के बेस पर डिसिशन लेना होगा. For example अगर आपको फ्यूचर में अपने बच्चो की शादी करनी है तो आपको अभी से ही सेविंग शुरू कर देनी चाइये. अगर आपको अपना रिटायरमेंट सिक्योर करना है तो अभी से ही अपनी इनकम का कुछ हिस्सा सेव करते चलना होगा.

अगर आप एक लॉन्ग टर्म perspective रखोगे तो आप वो सभी स्टेप्स देख सकोगे जो आपको अपने goal तो achieve करने में follow करने होंगे.

और आप देखेंगे की आपको वहाँ तक पहुंचने के लिए आज आपका तो रूटीन है उसे तोडना कितना जरुरी हैं.

ये तो बात हुए सोच की लेकिन सोचने से कुछ नहीं होता.

अगर कोई कहता है की में जिंगदी में सफल होना चाहता हूँ. ये बिलकुल matter नहीं करता. अगर आपको उसके बारे में अच्छे से जानना है तो सबसे पहले उसका डेली रूटीन देखिये. जब आप ऐसा करते हो तो पता चलता है की वो ऑफिस लेट आता हैं और घर जाने की उसे सबसे जल्दी होती हैं. और वो जल्दी से घर पहुँचता है की कही वो अपने favorite tv show miss नहीं कर दें.

उसके एक्शन्स को देख कर clearly पता चलता हैं की उसकी life का गोआल सक्सेसफुल होना नहीं बल्कि TV देखना है और वो daily यही कर रहा है ऑफिस से आने के बाद.

2. Slow Thinking

अगर आपको better decision लेना है तो अपने decision की speed को काम कीजिये. एक इंसान के दिमाग में हर मिनट 1500 words आते हैं जो की incomplete और उलटी सीधी सोच के लिए काफी हैं. और अगर आपकी आदत है की जो बात आपके सामने आयी उसे मान लिया. confirm करने की आदत नहीं हैं. कोई evidence नहीं देखा. किसी से नहीं पूछा. तो ये आदत आपकी लाइफ को और complicated बना देगी.

मान लीजिये की आपका लाइफ पार्टनर आपको धोखा दे रहा हैं. और एक दिन वो घर लेट आते हैं तो आप सारे acceptable excuses को ignore कर देते हो और जो आपके दिमाग में पहले से चल रहा है उस पर believe करने लगते हो की ये इंसान मुझे धोखा दे रहा हैं. इससे situation को और complicated बना रहे होते हैं.

इसलिए ये बहुत जरुरी है की आप अपनी सोच को जरा slow करो. आराम से बैठो और सोचो. specially तब जब आप अपनी लाइफ के long term goals के बारे में सोच रहे हो.

फ्यूचर के डिसिशन complex और इंपोर्टेंट होते है उन्हें जरुरत होती है deep thought और concentration. इसलिए आपको अपने किसी भी decision और उससे उसके results के बारे में बड़ी बारीकी से विचार करना चाहिए.

अगर आप अपने फ्यूचर करियर ऑप्शन के बारे मैं सोच रहे हो. या फिर इस month का बजट ही बना रहे हो तो मोबाइल other devices को side में रख दें. जिससे आप distact न हो पाओ. और फिर खुदसे important questions पूछे की आज जो आपकी लाइफ स्टाइल है उससे क्या ये ensure होता हैं की आपके बच्चे अच्छे कॉलेज में पढ़ सके. जो आपका करंट जॉब है वो लॉन्ग रन beneficial होगा?

एक चीज़ से दूसरी चीज़ पर जल्दी जल्दी अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने की जगह daily 30 minute का टाइम निकले और इन चीज़ो के बारें में आराम से सोचे. चिंता नहीं चिंतन करें इन चीज़ो के बारे में.

3. Positive Thinking

किसी भी चीज़ को देखने के 2 नज़रिये होते हैं. Depend करता है आपके नज़रिये पर. आपके co-worker के पास बड़ा घर हैं. या तो आप उसे देख कर जल सकते हो या आप ये सोच कर खुश हो सकते हो की कम से कम आपके पास घर तो हैं छोटा ही सही.

Negativity thinking success के रस्ते पर हमेशा एक रुकावट की तरह होती हैं. क्यूंकि ये आपको डिमोटिवेट करती है और वो स्ट्रेस देती हैं. नेगेटिव थिंकिंग से आप अपने बारे में बुरा सोचते लगते हो. दुसरो की हेल्प नहीं करते. इससे आपका कोई फ्रेंड भी नहीं बनता और धीरे धीरे ये आपकी आदत बन जाती हैं.

मान लीजिये की आप अपनी current job से खुश नहीं हो. तो चान्सेस है की बहुत आसानी से नेगेटिव थिंकिंग के जाल में फस जाओगे. maybe आप useless फील करने लगोगे. आपको लगेगा की आप टाइम waste कर रहे हो. आप दूसरे सक्सेसफुल लोगो को देख कर jealous फील करने लगोगे. और जल्द ही आप खुद को hopeless फील करने लगोगे. आपको लगेगा की ऐसा कोई रास्ता नहीं जो की आपके circumstances हो बदल सके. तो ऐसे में क्या करना है. अगर जॉब आपका प्रॉब्लम हैं तो आप अपने बॉस से बात करें की सिचुएशन को कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं. आप अपना खुद का बिज़नेस सेटअप करने के बारे में सोच सकते हैं. या फिर कुछ और भी…

कई बार नेगेटिव थिकिंग जब शुरू होती है जब कुछ बुरा होता हैं . जैसे की आपको पता चला की आपसे किसी ने झूठ कहा है. तो आपको गुस्सा आएगा. ये गुस्सा फायदेमंद नहीं हैं. इससे कोई रिजल्ट नहीं निकलेगा. इसलिए ऐसे situations को दूसरे नजरिये से देखने की कोशिश करिये. हो सकता है की किसी ने आपसे अच्छे रीज़न से झूठ बोला हो या वो आपसे डरा हुआ हो इसलिए झूठ बोला हो. उनसे बात करिये और सभी बातो को क्लियर करिये.

नेगेटिविटी आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं. अगर आप अपनी लाइफ को इम्प्रूव करना चाहते हो तो ये टाइम है पॉजिटिव बनने का.