Vajpayee Quotes in Hindi – अटल बिहारी वाजपेयी के 150+ अनमोल विचार!

हम आपके लिए लाये हैं “Vajpayee Quotes in Hindi” आशा करता हूँ की ये आपको जरूर पसंद आएँगी

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आप मित्र बदल सकते हैं पर पडोसी नहीं । -अटल बिहारी वाजपेयी


जैव विविधता सम्मेलन से दुनिया के गरीबों के लिए कोई भी ठोस लाभ नहीं निकला है। -अटल बिहारी वाजपेयी


आज परस्पर वैश्विक निर्भरता का मतलब है कि विकासशील देशों में आर्थिक आपदायें, विकसित देशों पर एक प्रतिक्षेप पैदा कर सकता है। -अटल बिहारी वाजपेयी


पहले एक अन्तर्निहित दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति की तुलना में अधिक शक्तिशाली होगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


जो लोग हमसे पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान से वार्ता करेंगे वो शायद ये नहीं जानते कि पिछले सालों में पाकिस्तान से बातचीत करने के सभी प्रयत्न भारत की तरफ से ही आये हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


वास्तविकता ये है कि यू एन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं जितना की उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत के ऋषियों-महर्षियों ने जिस एकात्मक जीवन के ताने-बाने को बुना था, आज वह उपेक्षा तथा उपहास का विषय बनाया जा रहा है। -अटल बिहारी वाजपेयी


किसी भी मुल्क को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझदारी का हिस्सा होने का ढोंग नहीं करना चैये , जबकि वो आतंकवाद को बढाने ,उकसाने , और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो । -अटल बिहारी वाजपेयी


सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती । उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे उगना पड़ेगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


मारुति हनुमानजी की मां का नाम है । पवनसुत के बारे में कहा जाता है कि वे चलते नहीं है,, छलांग लगाते हैं या उड़ते हैं । तो जो गुण पुत्र के बारे में हैं, माता उनसे वंचित नहीं हो सकती । मारुति कार भी जिस तेजी से आगे बढ़ी है, उससे लगता है कि हर मामले में छलांग लगाती है। -अटल बिहारी वाजपेयी


वास्तविकता यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी केवल उतनी ही प्रभावी हो सकती है जितनी उसके सदस्यों की अनुमति है। -अटल बिहारी वाजपेयी


गरीबी बहुआयामी है यह पैसे की आय से परे शिक्षा, स्वास्थ्य की देखरेख, राजनीतिक भागीदारी और व्यक्ति की अपनी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति तक फैली हुई है। -अटल बिहारी वाजपेयी


पहले एक दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति की तुलना में अधिक मजबूत होगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता है कि देश मूल्यों के संकट में फंसा है। -अटल बिहारी वाजपेयी


संयुक्त राष्ट्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि वह समरत मानवता का सबल स्वर बन सके और देशों के बीच एक-दूसरे पर अवलम्बित सामूहिक सहयोग का गतिशील माध्यम बन सके। -अटल बिहारी वाजपेयी


हम मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाये पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हमेशा के लिए ख़तम करने का दबाव बना सकते हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


आदिवासियों की समस्याओं पर हमें सहानुभूति के साथ विचार करना होगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


जैव – विविधता कन्वेंशन ने विश्व के गरीबों को कोई ठोस लाभ नहीं पहुँचाया है । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक कि वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेशी नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता। -अटल बिहारी वाजपेयी


अमावस के अभेद्य अंधकार का अंतःकरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है। -अटल बिहारी वाजपेयी


हम मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाये पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हमेशा के लिए ख़त्म करने का दबाव बना सकते हैं। -अटल बिहारी वाजपेयी


हमारे परमाणु हथियार शुद्ध रूप से किसी भी विरोधी के परमाणु हमले को ख़त्म करने के लिए हैं। -अटल बिहारी वाजपेयी


शीत युद्ध के बाद आये उत्साह में एक गलत धारणा बन गयी की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या हल कर सकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


जीवन के फूल को पूर्ण ताकत से खिलाएं। -अटल बिहारी वाजपेयी


इस देश में पुरुषार्थी नवजवानों की कमी नहीं है, लेकिन उनमें से कोई कार बनाने का कारखाना नहीं खोल सकता, क्योंकि किसी को प्रधानमंत्री के घर में जन्म लेने का सौभाग्य नहीं प्राप्त है। -अटल बिहारी वाजपेयी


संयुक्त राष्ट्र की अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा में निहित है कि वह किसी विशेष देश या देशों के समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य के लिए काम करता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमें उम्मीद है कि दुनिया प्रबुद्ध (परिष्कृत) स्वार्थ की भावना से कार्य करेगी। -अटल बिहारी वाजपेयी


राज्य को, व्यक्तिगत सम्पत्ति को जब चाहे तब जप्त कर लेने का अधिकार देना एक खतरनाक चीज होगी। -अटल बिहारी वाजपेयी


जो लोग हमें यह पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान के साथ वार्ता करेंगे, वे शायद इस तथ्य से वाकिफ नहीं हैं कि पिछले वर्षों में पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए हर बार पहल भारत ने ही किया है। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक कि वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेशी नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता । -अटल बिहारी वाजपेयी


निराशा की अमावस की गहन निशा के अंधकार में हम अपना मस्तक आत्म-गौरव के साथ तनिक ऊंचा उठाकर देखें। -अटल बिहारी वाजपेयी


इतिहास में हुई भूल के लिए आज किसी से बदला लेने का समय नहीं है, लेकिन उस भूल को ठीक करने का सवाल है। -अटल बिहारी वाजपेयी


हमें विश्वाश है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के भारत के विरुद्ध सीमा पार आतंकवाद को स्थायी और पारदर्शी रूप से ख़त्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा सकते हैं। -अटल बिहारी वाजपेयी


हम उम्मीद करते हैं की विश्व प्रबुद्ध स्वार्थ की भावना से काम करेगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


किसी भी देश को खुले आम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के साथ साझेदारी, सहायता, उकसाना और आतंकवाद प्रायोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। -अटल बिहारी वाजपेयी


शीत युद्ध के बाद अब एक गलत धारणा यह बन गयी है की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या का समाधान कर सकता है। -अटल बिहारी वाजपेयी


संयुक्त राष्ट्र की अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा में निहित है कि वह किसी विशेष देश या देशों के समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य के लिए काम करता है। -अटल बिहारी वाजपेयी


गरीबी बहुआयामी है । यह हमारी कमाई के अलावा स्वास्थय , राजनीतिक भागीदारी , और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है । -अटल बिहारी वाजपेयी


वैश्विक स्तर पर आज परस्पर निर्भरता का मतलब विकासशील देशों में आर्थिक आपदाओं का विकसित देशों पर प्रतिघात करना होगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


Atal Bihari Vajpayee Quotes About India & Nation

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ यह भारत एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं। -अटल बिहारी वाजपेयी


देश को हमसे बड़ी आशाएं हैं । हम परिस्थिति की चुनौती को स्वीकार करें । आखों में एक महान भारत के सपने, हृदय में उस सपने को सत्य सृष्टि में परिणत करने के लिए प्रयत्नों की पराकाष्ठा करने का संकल्प, भुजाओं में समूची भारतीय जनता को समेटकर उसे सीने से लगाए रखने का सात्त्विक बल और पैरों में युग-परिवर्तन की गति लेकर हमें चलना है। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीयकरण एक नारा नहीं है । यह राष्ट्रीय पुनर्जागरण का मंत्र है । भारत में रहने वाले सभी व्यक्ति भारत के प्रति अनन्य, अविभाज्य, अव्यभिचारी निष्ठा रखें । भारत पहले आना चाहिए, बाकी सब कुछ बाद में । -अटल बिहारी वाजपेयी


हम अहिंसा में आस्था रखते हैं और चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो ।


यह संघर्ष जितने बलिदान की मांग करेगा, वे बलिदान दिए जाएंगे, जितने अनुशासन का तकाजा होगा, यह देश उतने अनुशासन का परिचय देगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत कोई इतना छोटा देश नहीं है कि कोई उसको जेब में रख ले और वह उसका पिछलग्गू हो जाए । हम अपनी आजादी के लिए लड़े, दुनिया की आजादी के लिए लड़े। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत एक प्राचीन राष्ट्र है । अगस्त, को किसी नए राष्ट्र का जन्म नहीं, इस प्राचीन राष्ट्र को ही स्वतंत्रता मिली। -अटल बिहारी वाजपेयी


शहीदों का रक्त अभी गीला है और चिता की राख में चिनगारियां बाकी हैं । उजड़े हुए सुहाग और जंजीरों में जकड़ी हुई जवानियां उन उग्त्याचारों की गवाह हैं। -अटल बिहारी वाजपेयी


मैं चाहता हूं भारत एक महान राष्ट्र बने, शक्तिशाली बने, संसार के राष्ट्रों में प्रथम पंक्ति में आए। -अटल बिहारी वाजपेयी


इस देश में कभी मजहब के आधार पर, मत-भिन्नता के उगधार पर उत्पीड़न की बात नहीं उठी, न उठेगी, न उठनी चाहिए। -अटल बिहारी वाजपेयी


राजनीति की दृष्टि से हमारे बीच में कोई भी मतभेद हो, जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा और रचतंत्रता के संरक्षण का प्रश्न है, सारा भारत एक है और किसी भी संकट का सामना हम सब पूर्ण शक्ति के साथ करेंगे। -अटल बिहारी वाजपेयी


देश एक रहेगा तो किसी एक पार्टी की वजह से एक नहीं रहेगा, किसी एक व्यक्ति की वजह से एक नहीं रहेगा, किसी एक परिवार की वजह से एक नहीं रहेगा । देश एक रहेगा तो देश की जनता की देशभक्ति की वजह से रहेगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीय जहां जाता है, वहां लक्ष्मी की साधना में लग जाता है । मगर इस देश में उगते ही ऐसा लगता है कि उसकी प्रतिभा कुंठित हो जाती है ।. भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है । हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है । कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं । दिल्ली इसका दिल है । विन्ध्याचल कटि है, नर्मदा करधनी है । पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघाएं हैं । कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है । पावस के काले-काले मेघ इसके कुंतल केश हैं । चांद और सूरज इसकी आरती उतारते हैं, मलयानिल चंवर घुलता है । यह वन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है । यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है । इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है । हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। -अटल बिहारी वाजपेयी


दुर्गा समाज की संघटित शक्ति की प्रतीक हैं । व्यक्तिगत और पारिवारिक स्वार्थ-साधना को एक ओर रखकर हमें राष्ट्र की आकांक्षा प्रदीप्त करनी होगी । दलगत स्वार्थों की सीमा छोड्‌कर विशाल राष्ट्र की हित-चिंता में अपना जीवन लगाना होगा । हमारी विजिगीषु वृत्ति हमारे अन्दर अनंत गतिमय कर्मचेतना उत्पन्न करे। -अटल बिहारी वाजपेयी


कंधे-से-कंधा लगाकर, कदम-से-कदम मिलाकर हमें अपनी जीवन-यात्रा को ध्येय-सिद्धि के शिखर तक ले जाना है । भावी भारत हमारे प्रयत्नों और परिश्रम पर निर्भर करता है । हम अपना कर्तव्य पालन करें, हमारी सफलता सुनिश्चित है। -अटल बिहारी वाजपेयी


पौरुष, पराक्रम, वीरता हमारे रक्त के रंग में मिली है । यह हमारी महान परंपरा का अंग है । यह संस्कारों द्वारा हमारे जीवन में ढाली जाती है। -अटल बिहारी वाजपेयी


अहिंसा की भावना उसी में होती है, जिसकी उरात्मा में सत्य बैठा होता है, जो समभाव से सभी को देखता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


राष्ट्र कुछ संप्रदायों अथवा जनसमूहों का समुच्चय मात्र नहीं, अपितु एक जीवमान इकाई है। -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत के प्रति अनन्य निष्ठा रखने वाले सभी भारतीय एक हैं, फिर उनका मजहब, भाषा तथा प्रदेश कोई भी क्यों न हो। -अटल बिहारी वाजपेयी


यदि भारत को बहुराष्ट्रीय राज्य के रूप में वर्णित करने की प्रवृत्ति को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो भारत के अनेक टुकड़ों में बंट जानै का खतरा पैदा हो जाएगा। -अटल बिहारी वाजपेयी


देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं । राष्ट्रदेव की पूजा में हमें अपने को समर्पित कर देना चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीयकरण का एक ही अर्थ है भारत में रहने वाले सभी व्यक्ति, चाहे उनकी भाषा कछ भी हो, वह भारत के प्रति अनन्य, अविभाज्य, अव्यभिचारी निष्ठा रखें । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीयकरण उगधुनिकीकरण का विरोधी नहीं है । न भारतीयकरण एक बंधी-बंधाई परिकल्पना है । -अटल बिहारी वाजपेयी


Atal Bihari Vajpayee Quotes About Religion & Hinduism In Hindi

आज कहा जा रहा है कि अगर स्कूल की किताबों में विद्यार्थियों को दीवाली, दशहरा और होली के बारे में पाठ पढ़ाया जाएगा तो हमारा मजहब खतरे में पड़ जाएगा । यह मांग की जा रही है कि इस तरह के पाठ किताबों से निकाल दिए जाएं । मैं पूछना चाहता हूं कि क्या यह मांग ठीक है? होली, दीवाली और दशहरा हमारे राष्ट्रीय त्यौहार हैं । उनसे किसी मजहब का संबंध नहीं है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू समाज गतिशील है, हिंदू समाज में परिवर्तन हुए हैं, परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है । हिन्दू समाज जड़ समाज नहीं है । -अटल बिहारी वाजपेयी


देश में कुछ ऐसे पूजा के स्थान हैं, जिनको पिछले हजार-पांच सौ वर्षों में दूसरे मजहब के मानने वालों ने उनके मूल उपासकों से छीनकर अपने अधिकार में कर लिया, चाहे वह कृष्ण जन्मस्थान हो, चाहे राम जन्मस्थान हो, चाहे वह काशी विश्वनाथ का मंदिर हो । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमें हिन्दू कहलाने में गर्व महसूस करना चाहिए, बशर्ते कि हम भारतीय होने में भी आत्मगौरव महसूस करें


मुझे अपने हिन्दूत्व पर अभिमान है, किंतु इसका उरर्थ यह नहीं है कि मैं मुस्तिम-विरोधी हूं । -अटल बिहारी वाजपेयी


कोई भी दल हो, पूजा का कोई भी स्थान हो, उसको अपनी राजनीतिक गतिविधियां वहां नहीं चलानी चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू समाज इतना विशाल है, इतना विविध है कि किसी बैंक में नहीं समा सकता । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू धर्म ऐसा जीवन्त धर्म है, जो धार्मिक अनुभवों की वृद्धि और उसके आचरण की चेतना के साथ निरंतर विकास करता रहता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू धर्म तथा संस्कृति की एक बड़ी विशेषता समय के साथ बदलने की उसकी क्षमता रही है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन का न प्रारंभ है और न अंत ही । यह एक अनंत चक्र है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दू धर्म के प्रति मेरे आकर्षण का सबसे मुख्य कारण है कि यह मानव का सर्वोत्कृष्ट धर्म है । -अटल बिहारी वाजपेयी


दरिद्र में जिन्होंने पूर्ण नारायण के दर्शन किए और उन नारायण की उपासना का उपदेश दिया, उनका अंतःकरण करुणा से भरा हुआ था ।. गरीबी, बेकारी, भुखमरी ईश्वर का विधान नहीं, मानवीय व्यवस्था की विफलता का परिणाम है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Culture In Hindi

उपासना, मत और ईश्वर संबंधी विश्वास की स्वतंत्रता भारतीय संस्कृति की परम्परा रही है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मैं अपनी सीमाओं से परिचित हूं । मुझे अपनी कमियों का अहसास है । सद्‌भाव में अभाव दिखाई नहीं देता है । यह देश बड़ा ही अद्भुत है, बड़ा अनूठा है । किसी भी पत्थर को सिंदूर लगाकर अभिवादन किया जा सकता है, अभिनन्दन किया जा सकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मनुष्य-मनुष्य के संबंध अच्छे रहें, सांप्रदायिक सद्‌भाव रहे, मजहब का शोषण न किया जाए, जाति के आधार पर लोगों की हीन भावना को उत्तेजित न किया जाए, इसमें कोई मतभेद नहीं है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मजहब बदलने से न राष्ट्रीयता बदलती है और न संस्कृति में परिवर्तन होता । -अटल बिहारी वाजपेयी


इंसान बनो, केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं, हृदय से, बुद्धि से, सरकार से, ज्ञान से । -अटल बिहारी वाजपेयी


मनुष्य जीवन अनमोल निधि है, पुण्य का प्रसाद है । हम केवल अपने लिए न जिएं, औरों के लिए भी जिएं । जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है । दोनों का समन्वय आवश्यक है । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीय संस्कृति कभी किसी एक उपासना पद्धति से बंधी नहीं रही और न उसका आधार प्रादेशिक रहा । -अटल बिहारी वाजपेयी


सभ्यता कलेवर है, संस्कृति उसका अन्तरंग । सभ्यता सूल होती है, संस्कृति सूक्ष्म । सभ्यता समय के साथ बदलती है, किंतु संस्कृति अधिक स्थायी होती है । ~ अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Spirituality

परमात्मा एक ही है, लेकिन उसकी प्राप्ति के अनेकानेक मार्ग हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


नर को नारायण का रूप देने वाले भारत ने दरिद्र और लक्ष्मीवान, दोनों में एक ही परम तत्त्व का दर्शन किया है । ~ अटल बिहारी वाजपेयी


भगवान जो कुछ करता है, वह भलाई के लिए ही करता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


समता के साथ ममता, अधिकार के साथ उगत्मीयता, वैभव के साथ सादगी-नवनिर्माण के प्राचीन स्तंभ हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Literature In Hindi

‘रामचरितमानस’ तो मेरी प्रेरणा का स्रोत रहा है । जीवन की समग्रता का जो वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने किया है, वैसा विश्व-साहित्य में नहीं हुआ है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मुझे स्वदेश-प्रेम, जीवन-दर्शन, प्रकृति तथा मधुर भाव की कविताएं बाल्यावस्था से ही उगकर्षित करती रही हैं । ~ अटल बिहारी वाजपेयी


मेरे भाषणों में मेरा लेखक ही बोलता है, पर ऐसा नहीं कि राजनेता मौन रहता है । मेरे लेखक और राजनेता का परस्पर समन्वय ही मेरे भाषणों में उतरता है । यह जरूर है कि राजनेता ने लेखक से बहुत कुछ पाया है ।. साहित्यकार को अपने प्रति सच्चा होना चाहिए । उसे समाज के लिए अपने दायित्व का सही अर्थों में निर्वाह करना चाहिए । उसके तर्क प्रामाणिक हो । उसकी दृष्टि रचनात्मक होनी चाहिए । वह समसामयिकता को साथ लेकर चले, पर आने वाले कल की चिंता जरूर करे । -अटल बिहारी वाजपेयी


साहित्य और राजनीति के कोई अलस-अलग खाने नहीं होते । जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं । वे अभिनन्दनीय हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


साहित्यकार का हृदय दया, क्षमा, करुणा और प्रेम से आपूरित रहता है । इसलिए वह खून की होली नहीं खेल सकता । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Our Glory In Hindi

निराशा की अमावस की गहन निशा के अंधकार में हम अपना मस्तक आत्म-गौरव के साथ तनिक ऊंचा उठाकर देखें । विश्व के गगनमंडल पर हमारी कलित कीर्ति के असंख्य दीपक जल रहे हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


राष्ट्रशक्ति को अपमानित करने का मूल्य रावण को अपने दस शीशों के रूप में सव्याज चुकाना पड़ा । असुरों की लंका भारत के पावन चरणों में भक्तिभाव से भरकर कन्दकली की भांति सुशोभित हुई । धर्म की स्थापना हुई, अधर्म का नाश हुआ । -अटल बिहारी वाजपेयी


सदा से ही हमारी धार्मिक और दार्शनिक विचारधारा का केन्द्र बिंदु व्यक्ति रहा है । हमारे धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में सदैव यह संदेश निहित रहा है कि समस्त ब्रह्मांड और सृष्टि का मूल व्यक्ति औरउसका संपूर्ण विकास है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Education In Hindi

मोटे तौर पर शिक्षा रोजगार या धंधे से जुड़ी होनी चाहिए । वह राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में सहायक हो और व्यक्ति को सुसंस्कारित करे । -अटल बिहारी वाजपेयी


शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है । व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप आदर्शों से युक्त होना चाहिए । हमारी माटी में आदर्शों की कमी नहीं है । शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्रप्रेम की भावना जाग्रत कर सकते हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


किशोरों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है । आरक्षण के कारण योग्यता व्यर्थ हो गई है । छात्रों का प्रवेश विद्यालयों में नहीं हो पा रहा है । किसी को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता । यह मौलिक अधिकार है । -अटल बिहारी वाजपेयी


शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए । ऊंची-से-ऊंची शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


शिक्षा आज व्यापार बन गई है । ऐसी दशा में उसमें प्राणवत्ता कहां रहेगी? उपनिषदों या अन्य प्राचीन ग्रंथों की उगेर हमारा ध्यान नहीं जाता । आज विद्यालयों में छात्र थोक में आते हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


वर्तमान शिक्षा-पद्धति की विकृतियों से, उसके दोषों से, कमियों से सारा देश परिचित है । मगर नई शिक्षा-नीति कहां है? ~ अटल बिहारी वाजपेयी


निरक्षरता का और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मुझे शिक्षकों का मान-सम्मान करने में गर्व की अनुभूति होती है । अध्यापकों को शासन द्वारा प्रोत्साहन मिलना चाहिए । प्राचीनकाल में अध्यापक का बहत सम्मान था । आज तो अध्यापक पिस रहा है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Hindi & English Language

हिन्दी की कितनी दयनीय स्थिति है, यह उस दिन भली-भांति पता लग गया, जब भारत-पाक समझौते की हिन्दी प्रति न तो संसद सदस्यों को और न हिन्दी पत्रकारों को उपलब्ध कराई गई । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दी वालों को चाहिए कि हिन्दी प्रदेशों में हिन्दी को पूरी तरह जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित करें । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दी को अपनाने का फैसला केवल हिन्दी वालों ने ही नहीं किया । हिन्दी की आवाज पहले अहिन्दी प्रान्तों से उठी । स्वामी दयानन्दजी, महात्मा गांधी या बंगाल के नेता हिन्दीभाषी नहीं थे । हिन्दी हमारी आजादी के आन्दोलन का एक कार्यक्रम बनी । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारत की जितनी भी भाषाएं हैं, वे हमारी भाषाएं हैं, वे हमारी अपनी हैं, उनमें हमारी आत्मा का प्रतिबिम्ब है, वे हमारी आत्माभिव्यक्ति का साधन हैं । उनमें कोई छोटी-बड़ी नहीं है । -अटल बिहारी वाजपेयी


भारतीय भाषाओं को लाने का निर्णय एक क्रांतिकारी निर्णय है, लेकिन अगर उससे देश की एकता खतरे में पड़ती है तो अहिन्दी प्रांत वाले अंग्रेजी चलाएं, मग्र हम पटना में, जयपुर में, लखनऊ में अंग्रेजी नहीं चलने देंगे । -अटल बिहारी वाजपेयी


राष्ट्र की सच्ची एकता तब पैदा होगी, जब भारतीय भाषाएं अपना स्थान ग्रहण करेंगी । -अटल बिहारी वाजपेयी


हिन्दी का किसी भारतीय भाषा से झगड़ा नहीं है । हिन्दी सभी भारतीय भाषाओं को विकसित देखना चाहती है, लेकिन यह निर्णय संविधान सभा का है कि हिन्दी केन्द्र की भाषा बने । -अटल बिहारी वाजपेयी


अंग्रेजी केवल हिन्दी की दुश्मन नहीं है, अंग्रेजी हर एक भारतीय भाषा के विकास के मार्ग में, हमारी संस्कृति की उन्नति के मार्ग में रोड़ा है । जो लोग अंग्रेजी के द्वारा राष्ट्रीय एकता की रक्षा करना चाहते हैं वे राष्ट्र की एकता का मतलब नहीं समझते । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Democracy In Hindi

लोकतंत्र बड़ा नाजुक पौधा है । लोकतंत्र को धीरे- धीरे विकसित करना होगा । केन्द्र को सबको साथ लेकर चलने की भावना से आगे बढ़ना होगा । -अटल बिहारी वाजपेयी


जातिवाद का जहर समाज के हर वर्ग में पहुंच रहा है । यह स्थिति सबके लिए चिंताजनक है । हमें सामाजिक समता भी चाहिए और सामाजिक समरसता भी चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमारा लोकतंत्र संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र है । लोकतंत्र की परंपरा हमारे यहां बड़ी प्राचीन है ।. चालीस साल से ऊपर का मेरा संसद का अनुभव कभी-कभी मुझे बहुत पीड़ित कर देता है । हम किधर जा रहे हैं? ~ अटल बिहारी वाजपेयी


भारत के लोग जिस संविधान को आत्म समर्पित कर चुके हैं, उसे विकृत करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमें अपनी स्वाधीनता को अमर बनाना है, राष्ट्रीय अखण्डता को अक्षुण्ण रखना है और विश्व में स्वाभिमान और सम्मान के साथ जीवित रहना है । -अटल बिहारी वाजपेयी


लोकतंत्र वह व्यवस्था है, जिसमें बिना मृणा जगाए विरोध किया जा सकता है और बिना हिंसा का आश्रय लिए शासन बदला जा सकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


अगर किसी को दल बदलना है तो उसे जनता की नजर के सामने दल बदलना चाहिए । उसमें जनता का सामना करने का साहस होना चाहिए । हमारे लोकतंत्र को तभी शक्ति मिलेगी जब हम दल बदलने वालों को जनता का सामना करने का साहस जुटाने की सलाह देंगे । -अटल बिहारी वाजपेयी


राज्य को, व्यक्तिगत संपत्ति को जब चाहे जब्त कर लेने का अधिकार देना एक खतरनाक चीज होगी । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Politics In Hindi

भारत की सुरक्षा की अवधारणा सैनिक शक्ति नहीं है । भारत अनुभव करता है सुरक्षा आन्तरिक शक्ति से आती है । -अटल बिहारी वाजपेयी


राजनीति काजल की कोठरी है । जो इसमें जाता है, काला होकर ही निकलता है । ऐसी राजनीतिक व्यवस्था में ईमानदार होकर भी सक्रिय रहना, बेदाग छवि बनाए रखना, क्या कठिन नहीं हो गया है? ~ अटल बिहारी वाजपेयी


अगर हम देशभक्त न होते और अगर हम निःस्वार्थ भाव से राजनीति में अपना स्थान बनाने का प्रयास न करते और हमारे इन प्रयासों के साथ ० साल की साधना न होती तो हम यहां तक न पहुंचते । -अटल बिहारी वाजपेयी


मैं हिन्दू परम्परा में गर्व महसूस करता हूं लेकिन मुझे भारतीय परम्परा में और ज्यादा गर्व है । -अटल बिहारी वाजपेयी


जहां-जहां हमें सत्ता द्वारा सेवा का अवसर मिला है, हमने ईमानदारी, निष्पक्षता तथा सिद्धांतप्रियता का परिचय दिया है । -अटल बिहारी वाजपेयी


इस त् संसार में यदि स्वाधीनता की, अखण्डता की रक्षा करनी है तो शक्ति के और शस्त्रों के बल पर होगी, हवाई सिद्धांतों के जरिए नहीं । -अटल बिहारी वाजपेयी


कर्सी की मुझे कोई कामना नहीं है । मुझे उन पर दया उगती है जो विरोधी दल में बैठने का सम्मान छोड्‌कर कुर्सी की कामना से लालायित होकर सरकारी पार्टी का पन्तु पकड़ने के लिए लालायित हैं ।. ~ अटल बिहारी वाजपेयी


राजनीति सर्वांग जीवन नहीं है । उसका एक पहलू है । यही शिक्षा हमने पाई है, यही संस्कार हमने पाए हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


वास्तव में हमारे देश की लाठी कमजोर नहीं है, वरन् वह जिन हाथों में है, वे कांप रहे हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


बिना हमको सफाई का मौका दिए फांसी पर चढ़ाने की कोशिश मत करिए, क्योंकि हम मरते-मरते भी लड़ेंगे और लड़ते-लड़ते भी मरने को तैयार हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Communalism & Pakistan

मुसलमानों में कुछ लोग ऐसे हैं जो पाकिस्तान से संबंध रखते हैं, जो पाकिस्तान के इशारे पर दंगे करते हैं । पाकिस्तान हमें बदनाम करना चाहता है ।राष्ट्र के प्रति अव्यभिचारी निष्ठा और आने वाले कल के लिए निरंतर पसीना तथा आवश्यकता पड़ने पर रक्त बहाने का संकल्प ही हमें सांप्रदायिकता, भाषावाद तथा क्षेत्रीयता से ऊपर उठने की प्रेरणा दे सकता है । सांप्रदायिकता किसी भी रूप में हो, उसे कुचल दीजिए, सांप्रदायिकता के नाम पर आप एक संप्रदाय के तुष्टीकरण की नीति अपनाएं, इसका आज असर नहीं होगा । अगर चिनगारी गिरेगी तो आग भड़केगी । वन्देमातरम् इस्ताम का विरोधी नहीं है । क्या इस्ताम को मानने वाले जब नमाज पढ़ते हैं तो इस देश र्को धरती पर, इस देश की पाक जमीन पर सिर नहीं टेकते हैं? अब चिकनी-चुपड़ी बातें करने का वक्त नहीं है । परिस्थिति गंभीर है । देश की एकता दांव पर लगी है । सांप्रदायिकता के ज्वार में राष्ट्र की नौका डगमगा रही है । पानी हमारे सिर तक पहुंच गया है । ऐसा इस सदन में तो क्या, देश-भर में भी कोई नहीं होगा जो शिवाजी के प्रति आदर न रखता हो,. लेकिन उनके नाम का इस्तेमाल सांप्रदायिकता भड़काने के लिए करना किसी भी तरह शिवाजी कें प्रति न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता । आज सांप्रदायिकता के साथ देश के भीतर जातीयता का जहर किस तरह से फैलाया जा रहा है, वह क्या सांप्रदायिकता से कम घातक है? ~ अटल बिहारी वाजपेयी


पाकिस्तान हमें बार-बार उलझन में डाल रहा है, पर वह स्वयं उलझ जाता है । वह भारत के किरीट कश्मीर की ओर वक्र दृष्टि लगाए है । कश्मीर भारत का अंग है और रहेगा । हमें पाकिस्तान से साफ-साफ कह देना चाहिए कि वह कश्मीर को हथियाने का इरादा छोड़ दे । -अटल बिहारी वाजपेयी


मेरा कहना है कि सबके साथ दोस्ती करें लेकिन राष्ट्र की शक्ति पर विश्वास रखें । राष्ट्र का हित इसी में है कि हम आर्थिक दृष्टि से सबल हों, सैन्य दृष्टि से स्वावलम्बी हों । -अटल बिहारी वाजपेयी


मैं पाकिस्तान से दोस्ती करने के खिलाफ नहीं हूं । सारा देश पाकिस्तान से संबंधों को सुधारना चाहता है, लेकिन जब तक कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा कायम है, तब तक शांति नहीं हो सकती । -अटल बिहारी वाजपेयी


पाकिस्तान के चालक आगरा जाने की बार-बार कोशिश करते थे । आगरा केवल ताजमहल के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है । एक दूसरी बात के लिए भी प्रसिद्ध है । आगरा में हिन्दूस्तान का सबसे बड़ा पागलखाना है । हमने पाकिस्तान की पनडुब्बी डुबा दी । वे कहने लगे, यह डूबी नहीं, गोता खा रही है । भारत में जो पाकिस्तानी रहते हैं, जिनकी संख्या का हमें पता है, हम क्यों नहीं उनसे भारत छोड्‌कर जाने के लिए कहते । हमें पाकिस्तान से कह देना चाहिए कि पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान के हिन्दूओं के साथ न्याय नहीं करेगा तो भारत की शक्ति में जो भी कदम होगा, उठाएगा । जब-जब पाकिस्तान को कुछ लेना होता है, वह शांति की भाषा बोलता है । जहां तक भारत का संबंध है, हम विश्वकुटश्व के कल्याण के लिए कष्ट सहने और पसीना बहाने के लिए तैयार हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


पाकिस्तान कश्मीर, कश्मीरियों के लिए नहीं चाहता । वह कश्मीर चाहता है पाकिस्तान के लिए । वह कश्मीरियों को बलि का बकरा बनाना चाहता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


Atal Bihari Vajpayee Quotes About Society & Corruption

जब तक सरकार काले धन की समस्या का कारगर हल नहीं निकालती, कितने भी कानून बनाए जाएं, जमीन और इमारतों का व्यापार फूलता-फलता रहेगा । अगर भ्रष्टाचार का मतलब यह है कि छोटी-छोटी मछलियों. को फांसा जाए और बड़े-बड़े मगरमच्छ जाल में से निकल जाएं तो जनता में विश्वास पैदा नहीं हो सकता । हम अगर देश में राजनीतिक और सामाजिक अनुशासन पैदा करना चाहते हैं तो उसके. लिए भ्रष्टाचार का निराकरण आवश्यक है । हमें बेदाग नेतृत्व ..चाहिए, हमें निष्कलंक नेतृत्व चाहिए । आपको मालूम है, यह भ्रष्टाचार फैलते-फैलते नीचे किस हद तक गया है । हमारे बिहार प्रदेश में जानवरों का चारा खा लिया गया है । काले धन से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए । इसका प्रबंध किया जाना चाहिए । कठोर-से-कठोर कदम उठाना चाहिए । हम इसमें साथ देने के लिए तैयार हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


दरिद्रता का सर्वथा उन्मूलन कर हमें प्रत्येक व्यक्ति से उसकी क्षमता के अनुसार कार्य लेना चाहिए और उसकी आवश्यकता के अनुसार उसे देना चाहिए । -अटल बिहारी वाजपेयी


पारस्परिक सहकारिता और त्याग की प्रवृत्ति को बल देकर ही मानव-समाज प्रगति और समृद्धि का पूरा-पूरा लाभ उठा सकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


संयुक्त परिवार की प्रणाली सामाजिक सुरक्षा का सुंदर प्रबंध था, जिसने मार्क्स को भी मात कर दिया था । -अटल बिहारी वाजपेयी


समता के साथ ममता, अधिकार के साथ आत्मीयता, वैभव के साथ सादगी-नवनिर्माण के प्राचीन आधारस्तम्भ हैं । ~ अटल बिहारी वाजपेयी इन्हीं स्तम्भों पर हमें भावी भारत का भवन खड़ा करना है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Jawan & Kisan

सेना के उन जवानों का अभिनन्दन होना चाहिए, जिन्होंने अपने रक्त से विजय की गाथा लिखी विजय का सर्वाधिक श्रेय अगर किसी को दिया जा सकता है तो हमारे बहादुर जवानों को और उनके कुशल सेनापतियों को । अभी मुझे ऐसा सैनिक मिलना बाकी है, जिसकी पीठ में गोली का निशान हो । जितने भी गोली के निशान हैं, सब निशान सामने लगे हैं । अगर अपनी सेनाओं या रेजिमेंटों के नाम हमें रखने हैं तो राजपूत रेजिमेंट के स्थान पर राणा प्रताप रेजिमेंट रखें, मराठा रेजिमेंट के स्थान पर शिवाजी रेजिमेंट और ताना रेजिमेंट रखे, सिख रेजिमेंट की जगह रणजीत सिंह रेजिमेंट रखें । -अटल बिहारी वाजपेयी


खेती भारत का बुनियादी उद्योग है । -अटल बिहारी वाजपेयी


अन्नोत्पादन द्वारा आत्मनिर्भरता के बिना हम न तो औद्योगिक विकास का सुदृढ़ ढांचा ही तैयार कर सकते है और न विदेशों पर अपनी खतरनाक निर्भरता ही समाप्त कर सकते हैं । -अटल बिहारी वाजपेयी


हमारा कृषि-विकास संतुलित नहीं है और न उसे स्थायी ही माना जा सकता है । ~ अटल बिहारी वाजपेयी


कृषि-विकास का एक चिंताजनक पहलू यह है कि पैदावार बढ़ते ही दामों में गिरावट आने लगती है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Foreign Policy

हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव के कल्याण तथा उसकी कीर्ति के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे पग नहीं हटाएंगे । -अटल बिहारी वाजपेयी


एटम बम का जवाब क्या है? एटम बम का जवाब एटम बम है और कोई जवाब नहीं । -अटल बिहारी वाजपेयी


कौन हमारे साथ है? कौन हमारा मित्र है? इस विदेश नीति ने हमको मित्रविहीन बना दिया है । यह विदेश नीति राष्ट्रीय हितों का संरक्षण करने में विफल रही है । इस विदेश नीति पर पुनर्विचार होना चाहिए । कल्पना के लोक से उतरकर हम अपनी विदेश नीति का निर्धारण करें । -अटल बिहारी वाजपेयी


हम उरपने घर में एक-दूसरे को प्रॉग्रेसिव कह सकते हैं, रिएक्शनरी कह सकते हैं, लेकिन रूस को इजाजत नहीं दे सकते कि हमारे देश के घरेलू मामलों में दखल दे और किसी को प्रॉग्रेसिव और किसी को रिएक्शनरी कहे । -अटल बिहारी वाजपेयी


नेपाल हमारा पड़ोसी देश है । दुनिया के कोई देश इतने निकट नहीं हो सकते जितने भारत और नेपाल हैं । ~ अटल बिहारी वाजपेयी


इतिहास ने, भूगोल ने, परंपरा ने, संस्कृति ने, धर्म ने, नदियों ने हमें आपस में बांधा है । -अटल बिहारी वाजपेयी

Atal Bihari Vajpayee Quotes About Untouchability In Hindi

अगर परमात्मा भी आ जाए और कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तैयार नहीं हूं किंतु परमात्मा ऐसा कह ही नहीं सकता । -अटल बिहारी वाजपेयी


मानव और मानव के बीच में जो भेद की दीवारें खड़ी हैं, उनको ढहाना होगा, और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


अस्पृश्यता कानून के विरुद्ध ही नहीं, वह परमात्मा तथा मानवता के विरुद्ध भी एक गंभीर अपराध है । -अटल बिहारी वाजपेयी


मनुष्य-मनुष्य के बीच में भेदभाव का व्यवहार चल रहा है । इस समस्या को हल करने के लिए हमें एक राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता है । -अटल बिहारी वाजपेयी


हरिजनों के कल्याण के साथ गिरिजनों तथा अन्य कबीलों की दशा सुधारने का प्रश्न भी जुड़ा हुआ है । -अटल बिहारी वाजपेयी

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