ड़र के आगे जीत है!

हो के मायूस न यूं शाम-से ढलते रहिये
ज़िन्दगी भोर है सूरज-से निकलते रहिये

एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये

आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह
दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये

शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है
आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये

 

कुंवर बेचैन की है कविता किसी भी हारे हुए इंसान को फिर से खड़ा करने के लिए काफी है. अज की यह पोस्ट इसी कविता से जुडी हुए है. तो चलियें शरू करते हैं.

आज मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूं?

क्या आपको यकीन है कि आप के सारे सपने सच होंगे? क्या आपको वह सब कुछ मिल जाएगा जिसका सपना आपने देखा है?

अगर आपका दिमाग इसका उत्तर ‘हाँ’ में देता है तो एक पल के लिए आंखें बंद कीजिए और सोचिए अपने सपने के बारे में. उसे साकार होता हुआ देखिए. कितना मजा है न इस चीज में!!!

अब अपनी वर्तमान जिंदगी में वापस आ जाइए. अब यहां से आपको एक एक कदम उठाना है. आपके यही छोटे छोटे कदम आपको अपनी मंजिल की तरफ लेकर जाएंगे.

सपना चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो उसकी शुरूआत एक छोटे कदम से होती है. आप जहां है, आपके पास जो है, जितना है, उससे शुरु कीजिए. जिंदगी में कुछ भी नया करने के लिए आपके पास जो भी है उसी से शुरुआत करें. यकीन मानिए यह बहुत होगा आपको सफलता तक पहुंचाने के लिए.

यह चीज आपको सफल होने से रोकती है.

बहुत सारे लोग अपनी परिस्थितियों से समझौता कर लेते हैं. वे यह मान लेते हैं की उन्हें जो भी मिला है वही उनके लिए काफी है और वे इससे आगे बढ़ने की कोशिश भी नहीं करते. ऐसे लोग अपने comfort zone से कभी बाहर निकलना नहीं चाहते. उन्हें ऐसे ही हालत में जीने की आदत सी पड़ जाती है. वह नहीं चाहते कि उनकी जिंदगी बदले. उनके साथ जैसा भी हो रहा होता है वे उसे accept कर लेते हैं. उनकी यही आदत उन्हें बड़ा बनने से रोकती है. इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो रोज सुबह उठते हैं, तैयार होते हैं और फिर उसी काम को करने के लिए चल देते हैं जिससे वे सबसे ज्यादा नफरत करते हैं.

क्या आपने खुद को सीमा में बांध लिया है? क्या आपने अपने सपनों को मार दिया है?
अगर सचमुच ऐसा है तो आप हर दिन अपने आप को मार रहे हैं और यह आत्महत्या करने जैसा ही तो है. बस आप एक बार में नहीं मरते रोजाना तिल तिल करके अपनी जिंदगी को तबाह कर रहे होते हैं.

आप क्या कर सकते हैं?

उठिए, कोशिश करिए निकली अपने comfort zone से बाहर और पीछा करिए अपने सपनों का. आपको सही वक्त, परिस्थिति और मौके का इंतजार करना बंद करना होगा क्योंकि सही परिस्थितियों सही वक्त कभी आता नहीं है. हमें अपनी जिद से और अपने कर्म से उन्हें सही बनाना पड़ता है.

अपनी कोशिश आज और अभी से शुरु कीजिए क्योंकि शुरुआत के लिए हर वक्त और हर परिस्थिति सही है. मैं नहीं कहता की आप भागें. आपको भागना नहीं है. आपको बस एक एक कदम चलना है फिर देखिए सब कुछ अपने आप होता चला जाएगा.

क्या आप जानते हैं आपके सपने का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? वह कौन है जो आपको अपने सपने पूरे करने नहीं देता?

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वह आप खुद है….

आप खुद से ही झूठ कह लेते हैं. खुद को इस गलतफहमी में रखते हैं कि आप तैयार नहीं है. आपके पास कई सारे बहाने होते हैं.

जैसे – आप यह काम कर नहीं सकते, यह करने की आपकी अभी उम्र नहीं है, आप यह काम कर नहीं सकते क्योंकि इस काम को करने की आपकी उम्र जा चुकी है वगैरह वगैरह.

कौन कहता है कि शुरुआत करने के लिए परफेक्ट होने की जरूरत है? जो लोग ऐसा कहते हैं वे आपसे झूठ कह रहे हैं. यह बात एकदम बकवास है.

सही वक्त का इंतजार करने के बजाय आपको एक कदम उठा लेना चाहिए था, आपको वो ट्रेनिंग ज्वाइन कर लेनी चाहिए थी, आपको वह कोचिंग ज्वाइन कर लेना चाहिए था, आपको एग्जाम दे देना चाहिए था, आपको इंटरव्यू दे देना चाहिए था, आपको उसके बारे में पढ़ लेना चाहिए था, आपको उससे मिल लेना चाहिए था, आपको वह शुरूआत कर देनी चाहिए थी.

ऐसे बहुत से काम हैं जो आपको कर लेने चाहिए थे लेकिन आप डरते हैं. आप को डर लगता है कहीं आप असफल नहीं हो जाए!! आप को डर लगता है गलती करने से…

आप यह सोचते हैं कि मैं इस काम में फेल हो गया तो क्या होगा?? लोग मेरा मजाक उड़ाएंगे. इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है. यकीन मानिए आपको परफेक्ट होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.

अब चाहे जो भी बनना चाहे, जो भी करना चाहे, जहां भी पहुंचना चाहे, उसके लिए आपको परफेक्ट होने का इंतजार नहीं करना है. यह सब हमारे अंदर की रुकावटें हैं जो हमें सफल होने से रोकती हैं.

अगर जिंदगी कभी आप को नीचे गिरा दे तो हौसला बनाए रखिए. अपने सपनों के बारे में सोचिए. अपने इरादे बुलंद रखिए क्योंकि जिसके इरादे बुलंद होते हैं वहीं सफलता की सीढ़ियां चढ़ पाता है. अगर आपका सपना आपके लिए बहुत जरूरी है तो जाइये इसके लिए लड़िये. झोक दीजिए अपनी पूरी ताकत क्योंकि सपने तभी पुरे होते हैं जब आपको खाने-पीने, सोने-जागने और दिन-रात का पता ही न पड़ें. आप अपने सुकून और आराम को भूल जाएं.

सपना तभी पूरा होता हैं जब उसके बिना जिंदगी अधूरी और बेकार सी महसूस होती है. अगर आप चाहते हैं कि आने वाला समय आपका हो तो अपने सपनों के बारे में सोचना शुरु कीजिए.

आज अपने आप से एक वादा कीजिए की दुनिया छोड़ते वक्त आप ऐसा कोई भी सपना पीछे नहीं छोड़ कर जायेंगे जिसे आपने पूरा न किया हो. दुनिया छोड़ने से पहले आपको वह सब पाना है जिसका सपना आपने देखा है. आप ही अपने सपनों के निर्देशक है. कोशिश करते रहिए हार मत मानिए क्योंकि जब तक आप हार नहीं मानेंगे कोई आपको हरा नहीं सकता.

ध्यान रखिए सपना तभी सच होता है, जब वो सांस लेने जितना जरूरी हो जाए. जिस दिन आपका सपना आपके लिए सांस लेने जितना जरूरी हो गया, जिस दिन आप अपने सपने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गए. उस दिन दुनिया की कोई ताकत, कोई परेशानी आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक पाएगी.