मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक - कुमार विश्वास मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक रोज़ जाता रहा, रोज़ आता रहा तुम ग़ज़ल बन गईं, गीत में ढल गईं मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा ज़िन्दगी के सभी रास्ते एक थे सबकी मंज़िल तुम्हारे चयन तक रही अप्रकाशित रहे पीर के उपनिषद् मन की गोपन कथाएँ नयन तक रहीं प्राण के पृष्ठ पर प्रीति की अल्पना तुम मिटाती रहीं मैं बनाता रहा … [Read more...] about Main Tumhe Dhoondhne Swarg Ke Dwar Tak – Kumar Vishwas
Kumar Vishwas
Kumar Vishwas – Andhere waqt mein bhi geet gate jayenge (कुमार विश्वास – अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे)
अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे कविता अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये ओढ़नी इस तरह उलझे कि कफ़न हो जाये घर के एहसास जब बाजार की शर्तो में ढले अजनबी लोग जब हमराह बन के साथ चले लबों से आसमां तक सबकी दुआ चुक जाये भीड़ का शोर जब कानो के पास रुक जाये सितम की मारी हुई वक्त की इन आँखों में नमी हो लाख मगर फिर भी मुस्कुराएंगे अँ … [Read more...] about Kumar Vishwas – Andhere waqt mein bhi geet gate jayenge (कुमार विश्वास – अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे)
Kumar Vishwas – Main To Jhonka Hoon Hawa Ka Udaa Le Jaunga
(कुमार विशवास – मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा) मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब मिटत … [Read more...] about Kumar Vishwas – Main To Jhonka Hoon Hawa Ka Udaa Le Jaunga
Kumar Vishwas – Hungama (कुमार विश्वास – हंगामा)
हंगामा कविता हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा को … [Read more...] about Kumar Vishwas – Hungama (कुमार विश्वास – हंगामा)
Pagali Ladki (कुमार विश्वास – पगली लड़की) – Kumar Vishwas
Kumar Vishwas की बहुत ही प्रसिद्ध कविता पगली लड़की आपके सामने प्रस्तुत हैं. इसे पढ़े और आनंद लें. मावस की काली रातों में, दिल का दरवाजा खुलता है , जब दर्द की काली रातों में, गम आंसूं के संग घुलता हैं , जब पिछवाड़े के कमरे में , हम निपट अकेले होते हैं , जब घड़ियाँ टिक -टिक चलती हैं , सब सोते हैं , हम रोते हैं , जब बार बार दोहराने से , सारी … [Read more...] about Pagali Ladki (कुमार विश्वास – पगली लड़की) – Kumar Vishwas