अब क्या बताये किसी को कि ये क्या सजा है, इस बेनाम ख़ामोशी की क्या वजह है।


“शराब से कुछ तो शराफत सीख ले ऐ इश्क बोतल पे कम से कम लिखा तो है, कि मै जानलेवा हूँ |”


“मोहब्बत खो गयी मेरी, बेवफ़ाई के दलदल में, मगर इन पागल आँखो को, आज भी तेरी तलाश रहती है।”


“मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता।”


“दिमाग पर ज़ोर लगा कर गिनते हो गलतियाँ मेरी कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका है।”


“मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना मै तो अपना भी हार बैठा हुँ ।”

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“सुनो ! महफूज कर लो न हमें खुद में के बिन तेरे, बेवजह बिखर रहे हैं हम |”


“Breakup के बाद भी अगर उसका Last Seen, Profile और Status चेक करते हो


बिछड़ने वाले तेरे लिए, एक “मशवरा” है..कभी हमारा “ख्याल” आए, तो अपना ‘ख्याल’ रखना!


“जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा मुझसे ओ पागल अपनी ज़िंदगी जी लेना वैसे प्यार अच्छा करते हो |”


“Waqt पर न जा Waqt तो हर ज़ख्म की दवा है, आज तुमने हमें भुला दिया कल तुझे भी कोई भुला देगा |”


“मत सोना कभी किसी के कन्धे पर सर रख कर, जब ये बिछडते हे तो रेशम के तकिये पर भी नीँन्द नहीँ आती |”