“वो रोज रोज बिछडे तो कौन याद करे मगर वो इक रोज ना आये तो याद बहुत आते है |”
“कुछ मोहब्बत का नसा था पहले हमको फराज़, दिल जो टुटा तो नसे से मोहब्बत हो गयी ।”
“अब किस्मत ही मिला दें तो मिला दें वरना हम तो बिछड़ गये हैं, तूफान में परिंदों की तरह |”
अजीब रंगो में गुजरी है, मेरी जिंदगी, दिलों पर राज़ किया पर मोहब्बत को तरस गए..
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में, बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता !!
आज सोचा जिंन्दा हुँ, तो घूम लूँ, मरने के बाद तो भटकना ही है…!
बिना उसके दिल का हाल कैसे बतलाऊ…!! जैसे खाली बस्ता हो किसी नालायक बच्चे का…!!
“ना दर्द हुआ सीने में, ना माथे पे शिकन आई। इस बार जो दिल टूटा तो बस मुस्कान आई ।”
तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है, यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे, तो कैसे पता चलेगा कि प्यार क्या होता है.
“दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की, पर भुल गये थे की Heroin कभी Villain की नही होती ।”
मेरी आँखों में आँसू नहीं, बस कुछ “नमी” है.. वजह तू नहीं, तेरी ये “कमी” है..
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेलापन