हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है,
जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नही चाहते.
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
ज़िन्दगी जोकर सी निकली,
कोई अपना भी नहीं….कोई पराया भी नहीं.
आने वाला कल अच्छा होगा,
बस इसी सोच मे आज बीत जाता है.
मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.
वो कागज आज भी फुलों की तरहा महकता है
जिस मे उसने मजाक मे लिखा था मुजे तुमसे मोहब्बत है….
मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही
पहले तुजे पाने की अब तुजे भुलाने की.
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी, आरजू करना,
जिसे मोहब्बत, की कद्र ना हो उसे दुआओ, मे क्या मांगना
कहा था ना मैने “सोच लो तुम”,,
जिन्दगी भर रिश्ते निभाना आसान नहीं होता!
एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई,
एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब.
शौक से तोडो दिल मेरा, मुझे क्या परवाह,
तुम्ही रहते हो इसमें, अपना ही घर उजाड़ोगे.
मेरी आँखों में आसूं….तुझसे हम दम क्या कहूं क्या है,
ठहर जाये तो अंगारा है,बह जाये तो दरिया है.
सिर्फ दिल ही दाव पर लगाया था
पर उसने तो मेरी जान ही ले ली.