अब क्या बताये किसी को कि ये क्या सजा है,
इस बेनाम ख़ामोशी की क्या वजह है।
मुझको ढुँढ लेता है रोज किसी बहाने से,
दर्द वाकिफ हो गया हैँ मेरे हर ठिकाने से…
मेरा यूँ टुटना और टूटकर बिखर जाना कोई इत्फाक नहीं..
किसी ने बहुत कोशिश की है मुझे इस हाल तक पहुँचाने में…
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ,मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं!
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर,
बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे..
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल..
जिनके चाहने वाले ज्यादा हो..वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं
दर्द की भी अपनी एक अदा है.. ये तो सहने वालों पर ही फ़िदा है।
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना..
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता…!
दिल ही दिल में कुछ छुपाती है वो, यादों में आ कर चैन चुराती है वो,
ख्वाबों में एक ऐहसास जगा रखा है, बन्द आँखों में अश्क बन के तडपाती है वो..
टूट जायेंगी उसकी “ज़िद” की आदत उस वक़्त…
जब मिलेगी ख़बर उनको की याद करने वाला अब याद बन गया है…
तेरी आँखों से यून तो सागर भी पिए हैं मैने,
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने…
बदनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को , ए दुनिया वालो…
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है ,तो इश्क़ का क्या कसूर..!!
मेहनत कितनी भी कर लो, किस्मत अगर कमीनी है
तो जिंदगी साउथ अफ्रीका हो जाती हैं 🙁